भवदीय निवेदक "ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ उत्तर प्रदेश }

"झा शास्त्री "मेरठ {उत्तर प्रदेश }

बुधवार, 9 जनवरी 2013

"स्वतंत्र कार्य ,नेत्रित्व में उपयुक्त -सिंह -राशि -2013=विशेष }"

-----वर्ष 2013--में भाग्य विकास का सुयोग बनेगा ।अचानक धन लाभ की रूप रेखा बनेगी ।निराशा आशा में बदल जायेगी ।परिवार में मंगलोत्सव का संयोग बनेगा ।आपकी मेहनत रंग लायेगी ।स्वस्थ के प्रति सावधान रहें हानि हो सकती है ।संभव हो तो लम्बी यात्रा न करें टालने की कोशिश करें हानि से बचे रहेंगें ।जीवन साथी का पूर्ण सहयोग मिलेगा ।देव दर्शन की यात्रा होगी ।उधार में गई वस्तु मिल जयेगी ।भौतिक वस्तु सुविधा के अनुसार आयेगी ।क़ानूनी विवाद में नया मोड़ आयेगा ।भूमि -वाहन तथा पशु लेन -देन फायदेमंद रहेगा ।देश -विदेशों से सुखद समाचार मिलेगा ।आपको कोई गुमराह करने की कोशिश करेगा ।कटुता एवं विवाद से बचें रहें ।रचनात्मक कामों में रूचि बढ़ेगी ।मंगलोत्सव की सूचना मन को खुश करेगा ।दोस्ती में घनिष्ठता से बचें ।प्रतियोगिता परिणाम उत्तम रहेगा ।भाग्य का विशेष विकास होगा ।पदोन्नति होगी जिससे मन प्रसन्न रहेगा ।घर -गृहस्थी में में चहल -पहल बढ़ेगी ।व्यवसाय में तरक्की के नये रास्ते मिलेंगें ।मेहमान के आगमन से खर्च बढेगा ।पडौसी से सावधान रहें ।आप अपनी जिम्मेदारी को बेहतर संभालेंगें ।शत्रु के क़ानूनी दाव -पेंच से बचें रहें ।अधिकारी की घनिष्ठता छोड़ना उत्तम रहेगा ।दाम्पत्य सुख मिलेगा ।चल -अचल संपत्ति का संपत्ति लाभ मिलेगा ।राजनीति में रुतबा बढेगा ।धर्म कार्य करने से लाभ मिलेगा ।क़ानूनी विवाद ले देकर ही सुलझेगा ।विवाद ,वाहन भवन का योग है ।श्री वृद्धि से दोस्त पड़ेशान रहेंगें ।।
----{1}-माणिक रत्न स्वर्ण में रविवार को धारण करें ।रविवार का व्रत से स्वास्थ  उत्तम रहेगा ।अथवा रविवार को नमक न खायें ---रविवार को गायों को ढूढ खिलाएं ।--आपका नव वर्ष मंगलमय हो ?"
    -------{2}--आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पथ नित्य करें --विजयी होंगें ।
प्रेषकः -पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "{मेरठ -भारत }
    केवल 500-रूपये से आजीवन ज्योतिष सेवा प्राप्त कर सकते हैं --सूत्र -09897701636+09358885616---!!

मंगलवार, 8 जनवरी 2013

"भ्रमणशील और मनोहारी "कर्क राशि -{विशेष =2013}

-----वर्ष 2013 में --राजनीतिक क्षेत्र में नये संपर्कों से आशातीत लाभ मिलेगा ।चल -अचल संपत्ति में इजाफा होगा ।मंगल उत्सव एवं मिलन का संयोग बनेगा ।किसी भी नये कार्य की शुरुआत करने से लाभ एवं भाग्योदय होगा ।इस वर्ष मेहनत करने वालों का सितारा बुलंद होगा ।साथी पदोन्नति में बाधक बनने  की कोशिश करेगा ।इस वर्ष ग्रहचाल विकास में सहायक सिद्धि होगी ।पूर्व की अपेक्षा आय विशेष होगी ।सोची समझी योजना कारगर सिद्ध होगी ।शत्रु षड्यंत्र से सावधान रहें ।प्रतियोगिता परिणाम उत्तम रहेगा ।यात्रा छोटी किन्तु लाभदायक रहेगी ।बढ़ते दायित्व को निभाने में सक्षम होंगें ।साल के उत्तरार्ध में आनंद की अनुभूति होगी ।साल के अंत में -मित्र ,परिजन एवं सम्बन्धियों से लाभ मिलेगा ।शादी ,पार्टी तथा देवदर्शन का योग बनेगा ।भूमि ,वाहन की लेन -देन होगी ।जमा पूंजी बढ़ेगी ।अनपेक्षित आवागमन से क्षोभ होगा ।स्वास्थ  कुछ गड़बड़ी करेगा ।समय का सही उपयोग करने से हित में रहेंगें ।अनावश्यक क्षोभ एवं परिचर्चा से बचें ।अनजान से दोस्ती का हाथ न मिलाएं ।पुराना विवाद सुलझेगा ।गया हुआ धन मिलने की उम्मीद है ।साझे कारोबार से विस्तार होगा ।घर में नये मेहमान का आगमन होगा ।पुरानी निराशा का समापन होगा ।परिवार में ख़ुशी मिलेगी ।इच्छित सहयोग मिलने से मन में ख़ुशी  रहेगी ।राज -समाज में मान सम्मान मिलेगा ।आलस्य और प्रमाद अवनति कारक है ।आधा -अधुरा काम पूरा हो जायेगा ।क़ानूनी विवाद को सुलझाना लाभदायक रहेगा ।कटुता में सरसता मिलेगी अतः मन को स्थिर रखें ------नव वर्ष मंगलमय हो ?
   {1}-मोती धारण करने से शांति मिलेगी ।चांदी के पात्र में पूजा करें या चांदी के पात्र से शिव की उपासना करें ।सफेद वस्त्र और स्वेत चन्दन लाभदायक अर्थात मन को शांति प्रदान करंगें ।
-----प्रेषकः -पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "{मेरठ -भारत }
         ज्योतिष आजीवन जानकारी शुल्क -500---हेतु -सूत्र --09897701636+09358885616----!!

शनिवार, 5 जनवरी 2013

"नव सृजन और कला में निपुण "वृष राशि "={2013-विशेष }

वर्ष की शुरुआत उत्तरदायित्व में वृद्धि से होगी ।विशेष समय नव सृजन और कला की खोज में बीतेगा ।लोकोपवाद की आशंका बनी रहेगी वर्ष पर्यन्त ।उद्योग और काम के क्षेत्रों में लाभ मिलेगा ।पुराने परिचित्त व्यक्ति से लाभ मिलेगा ।कटुता और विवाद से बचे रहें ।धर्मकार्य का विचार पूरा होगा तथा लाभ भी मिलेगा ।राज समाज में मान -सम्मान बढेगा ।आपके अथक प्रयास से पद मिलेगा ।नौकरी पेशा वर्ग को तरक्की का अवसर मिलेगा ।लम्बी यात्रा का योग बनेगा ।भाग्य विकास का योग बनेगा ।मेहनत के कारण  सितारा बुलंद होगा ।आपके साथी आपकी राह में हानि उत्पन्न करेंगें ।देश -विदेश से सुखद अनुभूति होगी ।असफलता के बाद सफलता मिलेगी ।पूर्व की अपेक्षा आय बढ़ेगी ।उच्च अधिकारी से सावधान रहें हानी हो सकती है ।गोचर राशि का प्रभाव सालभर आपके लिए माध्यम रहेगा ।कुछ काम बनेगा तो कुछ बिगड़ेगा ।घर गृहस्थी में प्रेम बनायें अन्यथा हानि होगी ।समय का सही उपयोग करें ।रोजमर्रा के कामों में पर्याप्त उन्नति होगी ।सेहन के प्रति सजग रहें -अनायास रोग से घिर सकते हैं ।भाग्य विकास से शांति मिलेगी ।संतान की उन्नति होगी ।संपत्ति -वाहन का योग है ।राजनीति +व्यापार की नई खोज से मन प्रसन्न रहेगा ।नया समझौता से समय अनुकूल होगा ।सचेत रहने वाले फायदे में रहेंगें ।विरोधी की कुचालों से बचे रहने में लाभ होगा ।नया काम  नये  विचार दाम्पत्य सुख में नई अनुभूति देगा ।इष्ट मित्रों से अपेक्षित मदद नहीं मिलेगी अपनी प्रतिभा के बल पर चलें ---नव वर्ष मंगलमय हो !-----
   ----{1}-हीरा या जरकन ,पन्ना के साथ पहनने से उद्योग ,राजनीति में नव अवसर प्रदान करेगा ।
          {2}-शिव की उपासना या रुद्राभिषेक से विशेष लाभ की कामना समझें ।
नोट-धन के आभाव में -शुक्रवार को सफेद वस्तु  का दान या खटाई वर्जित कर दें लाभ मिलेगा ।
       निवेदक --पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "{मेरठ -भारत }
                आजीवन लाभ हेतु केवल -501- शुल्क से ज्योतिष जानकारी प्राप्त कर सकते हैं -सहायता हेतु -09897701636-09358885616----।।

बुधवार, 2 जनवरी 2013

"उच्च अभिलाषा आत्मबल के धनि मेष राशि ={2013-विशेष }

-----इस वर्ष सोची समझी योजना पूरी होगी ।देश -विदेश से सुखद समाचार मिलेगा ।असफलता के बाद सफलता मिलेगी ।नूतन कार्ज करेंगें ।झगडे -झमेले से राहत मिलेगी ।संतान से लाभ होगा ।राजनीति क्षेत्र में लाभ मिलेगा ।घर -गृहस्थी में कटुता से बचना उचित रहेगा ।कोई भी नूतन कार्ज़ अवश्य करें भाग्य आपकी प्रतीक्षा करेगा ।ग्रहों के गोचर का फल नित्य आनंद प्रदान करेगा ।अतीत की खोज में लाभ मिलेगा ।पडौसी -दोस्त आपकी श्रीवृद्धि{लक्ष्मी }से नाखुश रहेंगें ।समस्या को सुझाने में लाभ मिलेगा ।सुखोपभोग की वस्तु खरीदेंगें ।भूमि -वाहन ,घर आदि का लेन - देन फायदे में रहेगा ।शत्रुता न करें ।जमापूंजी बढ़ेगी -अर्थात मन खुश रहेगा ।उच्च अधिकारी से विशेष दोस्ती न करें ।दिन चर्या को सही रखें अन्यथा हानि होगी ।चल -अचल संपत्ति का लाभ होगा ।इस वर्ष विशेष समय -हास्य ,रस ,आमोद -प्रमोद में बीतेगा ।कहीं से पदोन्नति का समाचार मिलेगा । दोस्त आपकी मदद करेंगें।साझा कारोबार का विचार बनेगा ।स्वास्थ परविशेष ध्यान दें ।घर में नए मेहमान के आगमन से खर्च बढेगा ।कोई आपको गुमराह करने का प्रयास करेगा सावधान रहें ।साहित्य संगीत में रुझान बढेगा ।।
   ------नोट -मूंगा स्वर्ण में धारण करना उचित रहेगा ।मोती की माला या से शांति रहेगी ।--हनुमानजी या शिव की उपासना तथा सोमवार को दूध का दान से अनुकूल साल बीतेगा ।।
    --प्रेषकः -ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ -भारत }
            प्रबंधक -पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "
   संपर्क हेतु -------09897701636+09358885616----समय -6.30 शाम से 8.30शाम तक ।   

मंगलवार, 1 जनवरी 2013

"ज्योतिष की दृष्टि में संसार चक्र =2013संवत -"2070"?

   "ज्योतिष की दृष्टि में संसार चक्र =2013संवत -"2070"?
-राजा गुरु --मंत्री शनि के राज्यकाल में सभी जगह अशांति होगी ।कहीं युद्ध तो कहीं आतंकी हिंसा ,तोड़फोड़ ,अग्निदाह ,लूटपाट के कारण जन धन की हानी होगी ।कुछ देशों में सत्ता परिपर्तन और भ्रष्टाचार की लहर चलेगी ।भारत में कानून {न्याय} व्यवस्था उत्तम होगी ।जनहित के बहुत कार्ज होंगें ।।
        -----भारत के लिए इस वर्ष -कश्मीर ,सिक्किम ,भूटान ,नेपाल ,पश्चिम बंगाल एवं नक्सलवादी आतंकी समस्या विशेष बढ़ेगी ।उचित समाधान सरकार नहीं कर पायेगी ।अलग राज्य की मांग बढ़ेगी ।पशीमोत्तर सीमा पर तनाव बढेगा ।कुछ प्रदेश सूखा ग्रस्त होंगें ।।
  ------मेघेश शुक्र एवं नीरेश मंगल होने से --रितुपरिवर्तन -प्राकृतिक प्रकोप ,आंधी तूफान ,भूकंप ,भयंकर अग्निदाह ,अतिवृष्टि ,बाढ़ ,कहीं विशेष वर्षा तो कहीं अल्प वृष्टि होगी ।खेती में हानी ,जीवों की क्षति से कोप बढेगा ।अत्यधिक रोग फैलेगा ।
       -------भारतीय राजनीति  --में उठापटक का विशेष तांडव मचेगा ।मध्यावधि चुनाव हो सकते हैं ।नेता सत्य को छोड़कर असत्य का साथ देंगें ।उपयोगी वस्तुओं ---तेल ,पानी ,सब्जी फल दूध ,रोटी ,कपड़ा के आभाव में हो हल्ला मचेगा ।मंहगाई से लोग पीड़ित होंगें ।।
              ----------पश्चिमी अमेरिकादि देश तथा खाड़ी के देशों में शनि +राहू योग के चलते युद्ध का योग बनेगा ।समुद्री तूफान ,भयंकर बर्फबारी ,भूकंप ,भूस्खलन ,प्राकृतिक आपदा विस्फोट आदि की पीड़ा झेलनी पड़ेगी ।मुस्लिम राष्ट -युरोपिनियन देश तथा अमेरिकादि के खिलाफ एकजूट होंगें ।कई देशों में गद्दी परिवर्तन के दुखद योग हैं ।
    ------प्रेषकः --ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ -उत्तर प्रदेश -भारत }
                     पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "-संपर्क हेतु -09897701636--09358885616---।।

शनिवार, 29 दिसंबर 2012

"देश-विदेश पाक्षिक ज्योतिष विचार 29/12/ से 11/01/2013तक ?"

       ------"एक राशौ गता ह्यते सौम्य शुक्र दिनाधिपाह ।
                 सर्वधान्य महार्घत्वं मेघाः स्वल्प जलप्रदाह ।।
-भाव --संवत का राजा शुक्र राज्याधिकारी सूर्य के साथ -अन्त्यज , गरीब,मलेछावृत्तिवालों का हित साधन करवायेगा ।राहत कर्यों की घोषणा होगी ।त्रग्रही योग के प्रभाव से हलकी वर्षा होगी ।मंहगाई बढ़ेगी ।।
     ------अमावस्या में चार ग्रहों के संयोग से भारी उपद्रव या घटना घटेगी ।सत्तारूढ़ दल की नैया डगमगाती चलेगी अर्थात चलती रहेगी ।असामान्य परिस्थितियों में बदलाव भी संभव है ।पश्चिम के देशों में आतंकी अपराधियों को बढ़ावा मिलेगा ।
-----तेजी मंदी विचार --कृष्ण पक्ष की तिथि घटे ,शुक्ल पक्ष बढ़ जाय ।
                                     एक चीज तो क्या बढे ,सभी चीज बढ़ जाय ।।-----उद्योगों  में अच्छा उत्पादन होगा ।खेती में पैदावार अच्छी होने से राहत मिलेगी ।मूल नक्षत्र धनु राशि का शुक्र मूल द्रव्य ,कच्चेमाल ,खानिजपदार्थ ,हीटर आदि सर्दी से बचाने वाली सभी चीजों में तेजी आयेगी ।खड़ी फसलों में क्षति संभव है ।।
---आकाश लक्षण ---प्रतिकूल नाड़ी वेध के कारण यत्र -तत्र बादलचाल,मेघगर्जन ,बिजली ,गाज ,हल्की वर्षा होगी ।कोहरा छाया रहने ,बर्फ गिरने ,दुर्दिन होने से फसलों में क्षति होगी ।यातायात बाधित होगी ।असंभावि कुघतना चक्र संभव है ।उत्तर संभागो में शीतलहर प्रभावित करेगी ।
  नोट अगर लेन देन या व्यापार में लाभ चाहिए तो इन नक्षत्रों में करें ---अश्विनी ,मृगशिरा ,पुनर्वसु ,पुष्य ,हस्त ,चित्रा ,स्वाति ,अनुराधा ,श्रवण ,धनिष्ठा ,शतभिषा और रेवती में लाभ लें ।
   प्रेषकः पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री {मेरठ -भारत }
      संपर्क सूत्र -09897701636+09358885616 
 

शुक्रवार, 14 दिसंबर 2012

"देश -विदेश "पाक्षिक ज्योतिष विचार 14-12 से 28/12/2012तक ?"

    शुक्रस्य पञ्च वरास्यु यत्र मासे निरंतरम ।
     प्रजावृद्धिसुभिक्षम च सुखं तत्र प्रवर्तते ।।-----भाव ---इस मास में पांच शुक्रवार पड़ने से उत्पादन बढेगा और सुख -समृद्धि बढ़ेगी ।सर्वसाधारण जन ,जीव सुख का अनुभव करेंगें । परन्तु -शनि -भोम -गुरु का त्रिकोण योग कहीं भारी विद्रोह का कारण भी बनेगा ।भारतीय राजनीति में नया गठबंधन सामने आ सकता है ।दिनांक -23/12/2012 से --आगे शनि -राहु का बनने वाला राशि संयोग भारी भयान्तक का कारण बनेगा -----"शनि राहु यदैकत्र भवेतां सहितो तदा ।सर्वधान्य महर्घत्वं राजानो भय विह्वला ।।----इस योग के कारण मंहगाई उत्तरोत्तर बढ़ेगी ही ,तथा अंतर्राष्ट्रीयजगत में वैर विरोध बहुत होगा ।
---तेजीमंदी विचार-मकर का मंगल घी ,तेल ,में तेजी करेगा ।सभी दाल ,चावल ,मेवा ,मिष्ठान्न ,अन्नादि के भाव बढेंगें ।शेयर ,सर्राफा बाजार में दो तरफा चाल चलेगी ।।
-आकाश लक्षण --ग्रह राशिचार बुद्धास्त के प्रभाव से जहाँ -तहां बादलचाल ,हल्की वर्षा ,हिमपात ,कोहरा छाया रहने से भारी दिक्कत होगी ।नोट ---अगहन मास के उत्तरार्ध में जहाँ -तहाँ वर्षा होती है -वहाँ -वहाँ खेती में पैदावार विशेष होती है ।।
---------प्रेषकः  पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "{मेरठ भारत }
               

बुधवार, 14 नवंबर 2012

"देश -विदेश पाक्षिक ज्योतिष विचार -14/11से -28/11/2012तक "?

      --------"बुधस्य पंचवाराह स्यु यत्र मासे निरंतरम ।
                    प्रजाश्च सुख संपन्ना सुभिक्षम च प्रजायते ।।
---अर्थात -पांच बुधवार मास में होने से अच्छा समझना चाहिए ।खेती में पैदावार अच्छी होगी ।उद्योगों में उत्पादन बढ़ने से सौख्य -समृद्धि बढ़ेगी ।जनता सुख शांति का अनुभव करेगी ।अंतर्राष्ट्रीय जगत में शान्ति परिचर्चा होगी ।।
            --------"एकादश्याम शनौ तस्मिन्न छत्र भंगोथवा भुवि ।
                        नगर ग्राम भंगः स्याद्वैरी चौरा द्युप्द्रवा ।।-----भाव ---कहीं राजनैतिक सामाजिक -प्राकृतिक उपद्रव होंगें ।कोई देश -प्रदेश ,महानगर या गाँव हिंसा की चपेट में आ सकता है ।असमजिक्तत्व ,चोर ,उचक्के ,लफंगें कुकृत्यों में लगे रहेंगें ।
   ------तेजी मंदी विचार --------द्वितीया में सूती वृश्चिक की संक्रांति से -अत्यन्त तेजी होगी ।अनाजों में भी तेजी होगी ।मंत्री स्तर के नेता आपस में लड़ते -झगड़ते रहेंगें ।पक्षांत में बाजार का भाव पलट जायेगा ।
  ---------आज भद्रा को जानते हैं ---तिथियों के  अलग -अलग नाम हैं ---शुभ कार्य में भद्रा का विचार अवश्य करते हैं -----4/5/11/12-राशियों में चंद्रमा हो तो भद्रा का वास पृथ्वी पर रहता है । इसी प्रकार -1/2/3/8-राशियों में चंद्रमा हो तो -स्वर्ग में भद्रा रहता है ।तथा -6/7/9/10-राशियों में चंद्रमा हो तो भद्रा का वास पाताल में होता है ।--जब पृथ्वी पर भद्रा का वास हो तो शुभ कार्य नहीं करते हैं ।-तिथियों के नाम -जया ,भद्रा रिक्ता पूर्णा ।
 ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री"{मेरठ- उत्तर प्रदेश }

मंगलवार, 13 नवंबर 2012

ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ -उत्तर प्रदेश }: --"दीपावली की शुभकामना स्वीकार करें "?

ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ -उत्तर प्रदेश }: --"दीपावली की शुभकामना स्वीकार करें "?:   ----"दीपावली की शुभकामना स्वीकार करें "?         --------"दीपावली "की हार्दिक शुभकामना सभी मित्रप्रवरों को , -----सपरिवार दीपोत्सव निशाक...

ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री"{मेरठ- उत्तर प्रदेश }

--"दीपावली की शुभकामना स्वीकार करें "?

 ----"दीपावली की शुभकामना स्वीकार करें "?
       --------"दीपावली "की हार्दिक शुभकामना सभी मित्रप्रवरों को , -----सपरिवार दीपोत्सव निशाकाल पूजन ,अर्चन कर ,अपने -अपने अग्रजों से आशीर्वाद लेकर ---धूम -धाम से मनाएँ ----इस शुभ पर्व में सभी अग्रज +अनुज "झा शास्त्री का अभिनन्दन स्वीकार करें ।
             ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री"{मेरठ- उत्तर प्रदेश }

सोमवार, 12 नवंबर 2012

"नाड़ी दोष अर्थात वियोग और संताप "?

---वैवाहिक जीवन -लोभ ,अर्थ ,काम के बाद मोक्ष प्राप्ति से ही सही माना जाता है ।और इसके लिए पत्ति -पतनी का सहयोग अतिम घडी तक बना रहना चाहिए । ये संभव नाड़ी का मिलान सही होने से ही होता है ।
          ---------कुंडली मिलान का आठवाँ विचार नाड़ी विचार को जानते हैं ।
              {1}-आदि नाडी -अश्विनी ,आर्द्रा ,पुनर्वसु ,उत्तर फाल्गुनी ,हस्त ,ज्येष्ठा ,मूल ,शतभिषा और पूर्व भाद्रपद -ये 9-नक्षत्र को आदि नाडी कहते हैं ।
                {2}-भरणी ,मृगशिरा ,पुष्य ,पूर्व फाल्गुनी ,चित्रा ,अनुराधा ,पूर्वा षाधा ,धनिष्ठा और उत्तर भाद्रपद को मध्य नाडी कहते हैं ।
                 {3}-कृतिका ,रोहिणी ,शलेषा ,मघा ,स्वाति ,विशाखा ,उत्तर षाढा श्रवण और रेवती को अन्त्य नाड़ी कहते हैं ।
प्रभाव ------किसी भी एक नाड़ी में वर -कन्या दोनों के नक्षत्र होने पर दाम्पत्य सुख अत्यंत भयावह हो जाता है ।दोनों में से किसी एक को शारीरिक अत्यंत पीड़ा होती है और वियोग हो जाता है ।
                 "निधनं मध्यम नाड्याम दाम्पत्योर्नैव पार्श्व योनाड्योह "
-----अर्थात -ज्योतिष प्रकाश -में इस वाक्य में मध्य नाडी होने पर दोनों दोनों {पति -पतनी }को बहुत कष्ट झेलने पड़ते हैं ।-तीनों नाड़ियों में दोष होने पर दाम्पत्य जीवन अडिग नहीं रहता है ।
              "नाडी दोशोस्ति विप्राणां वर्ण दोषोस्ती भूभुजाम ।
               वैश्यानां गण दोषः स्यात शुद्राणाम योनिदूश्नाम ।।
भाव -कुछ आचार्यों ने कहा -नाडी दोष केवल ब्राह्मणों को लगता है ।और वर्ण दोष क्षत्रियों को ही लगता है ।एवं गण दोष वैश्यों को ही लगता है तथा -योनी दोष दासों को ही लगता है ।
  नोट -जब जीवन की घडी लम्बी न हो ,सुखद न हो ,मोक्ष प्राप्ति तक न पंहुंचे -अर्थात पति -पतनी साथ -साथ अंतिम पड़ाव तक न पँहुचे तो वैवाहिक सुख अधूरा रहता है इसलिए कुंडली मिलान नितांत आवश्यक है ।जिस प्रकार नरकों के वर्णन सुनकर नरकों में नहीं जाना चाहते हैं इसी प्रकार वैवाहिक जीवन सर्वगुण संपन्न हो कुंडली मिलान अनिवार्य समझें ।
    प्रेषकः -पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "मेरठ उत्तर प्रदेश -भारत ।
          ज्योतिष सहायता सूत्र -9897701636-9358885616------।।

शनिवार, 10 नवंबर 2012

वैवाहिक जीवन की आयु अर्थात "भकूटदोष"?

      वैवाहिक जीवन की आयु अर्थात "भकूटदोष"?
-------दाम्पत्य जीवन सरस हो ,प्रेम की अविरल धारा वहती हो अर्थात सभी सुख हो किन्तु अवधि {आयु }लम्बी न हो तो फिर पुत्र ,पौत्र के बिना वैवाहिक जीवन अधूरा रहता है । ये वैवाहिक जीवन दीर्घायु हो इसलिए "भकूट दोष अर्थात राशि मिलान करते  हैं ।
         "मृत्युह षडाष्ट के ज्ञेयो पत्य्हा निर्नवात्माजे ।
          द्विर्द्वादशो दरिद्रत्व्म द्वयोर्न्यत्र सौख्यक्रित ।।
-----अर्थात -वर -कन्या की राशियों का स्वामी ग्रह एक ही हो ,अथवा दोनों राशियों में मैत्री हो तथा नाड़ी नक्षत्र शुद्ध रहे तो दुष्ट "भकूट दोष "में भी विवाह शुभ होता है ।
    --------किन्तु उक्त शलोक में --{1}-वर की राशि से कन्या की राशि तक और कन्या की राशि से वर की राशि तक गिनने पर -6/8-संख्या हो तो दोनों {पति -पतनी }को चोट पहुँचती है ।
         {2}-अगर ये संख्या -9/5-हो तो संतानों को माता -पिता से या संतान से माता -पिता को हानी सहनी पड़ती है ।
{3}-यदि गिनती से शेष संख्या -2/12-हो तो वैवाहिक जीवन में गरीबी अर्थात धन की दुखद स्थिति रहती है ।
 {4}-अशुभ केंद्र योग -4/10-को माना गया है । ये चार प्रकार के सम्बन्ध --षडाष्टक {6/8}-नव -पंचम -{9/5}-द्वि द्वादश -{2/12}--और केंद्र योग ये ज्योतिष के कई ग्रंथों में अशुभ माने गये है ।
   नोट ---ज्योतिष का भाव डराने का  नहीं अपितु आपका वैवाहिक जीवन सुखद हो इसलिए ज्योतिष की सलाह अवश्य लेनी चाहिये ।अगर प्रेम या पसंद हो तो विवाह के समय उन नामों से न करें जो दोष कारक हों ?
    प्रेषकः -"झा शास्त्री "{मेरठ -भारत }
         सहायता सूत्र -9897701636-9358885616-------!!

सोमवार, 5 नवंबर 2012

"वैवाहिक सुख में कुंडली का दूसरा विचार "वश्य विचार "

"वैवाहिक सुख में कुंडली का दूसरा विचार "वश्य विचार "
-----वश्य विचार अर्थात --दोनों के विचार जीवन मिलेंगें या नहीं -क्योंकि युवावस्था में प्रेम [काम पिपासा }के आगे उचित अनुचित का बोध प्रायःअल्प होता है -इसलिए भारतीय परम्परा में अभिभावक ही वर -वधु का चयन के बाद कुंडली मिलान कराते हैं जो सत्य के साथ -साथ भेद भाव रहित होता है ।
--------{1}-मेष ,वृष ,सिंह ,धनु का परार्ध -मकर का पूर्वार्ध चतुष्पद संज्ञक कहा गया है ।{2}-मिथुन ,कन्या ,तुला ,कुम्भ और धनु का पूर्वार्ध द्विपाद {मानव }संज्ञक माना जाता है ।{3}-मकर का उतरार्ध ,सम्पूर्ण मीन राशि को जलचर कहते हैं ।-{4}-सिंह को वनचर माना गया है ।कर्क -को कीट ,वृश्चिक को सरीसृप कहा गया है ।सिंह को छोड़कर सब राशि नर राशि के वश्य होती है और जलचर राशि भक्ष्य है ।वृश्चिक को छोड़कर सब राशि सिंह के वश हैं ।अन्य राशियों के वश्यावश्य को व्यवहार से जानना चाहिए ।
-----मैत्री ,वैर ,भक्ष्य ----ये तीन प्रकार के वश्य कूट होते हैं ----{1}--यदि वर -कन्या की राशि में परस्पर वैर भक्ष्य हो तो 00गुण मानते हैं---2---अगर दोनों में मैत्री हो तो -02 गुण होते हैं -----3---किन्तु वश्य वैर हो तो -01 गुण मानते हैं परन्तु वश्य भक्ष्य होने पर आधा गुण होता है ।।
--नोट --आपस में प्रेम हो गया हो ,उन नामों से मिलान करें जिन नामों से मिलान हो अथवा -कर्मकांड के द्वारा निदान से भी विवाह संभव है ---किन्तु अपनी परम्परा को सच्ची निष्ठां से निभाएं ?
----प्रेषकः पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "{मेरठ -भारत }
      सहायता सूत्र -9358885616------।। 

शुक्रवार, 2 नवंबर 2012

"दाम्पत्य जीवन में "कुंडली मिलान" का महत्व ?

---वैवाहिक जीवन सुखमय हो -इसके लिए कुंडली मिलान अर्थात अष्टकूटों का मिलान कराते हैं अभिभावक ।-वर्ण ,वश्य ,तारा ,योनिविचार ,ग्रहमैत्री,गुणकूट,भकूट और नाड़ी को अष्टकूट कहते हैं । इन अष्टकूटों के प्रत्येक के स्वभाव और प्रभाव जानने की कोशिश करते हैं ।
{1}-वर्ण मिलान होने से -जातीय कर्म,गुणधर्म ,स्वभाव -उत्तमप्रीति,होती है--मिलान नहीं होने पर मध्यम स्नेह एवं प्रेम का अभाव रहता है दाम्पत्य सुख में ।
{2}-वश्य मिलान होने से ---स्वभाव से एक दूसरे के वशीभूत होते हैं ।
{3}-तारा का सही मिलान होने से -भाग्य सबल होता है -अन्यथा निर्बलता रहती है ।
{4}-योनिविचार सही होने से --शारीरिक सम्बन्ध अर्थात तृप्ति रहती है मन में -अन्यथा जीवन में अतृप्ति ही रहेगी ।
{5}-ग्रहमैत्री का सही मिलान होने से --आपसी सम्बन्ध सही रहता है अन्यथा उदासीनता रहेगी ।
{6}-गुणकूट का सही मिलान होने से --सामाजिकता किसमें कितनी रहेगी अन्यथा -असामाजिक रहते है दोनों ।
{7}-भकूट का सही मिलान होने से --जीवन शैली परस्पर स्नेह सच्चा रहता है अन्यथा बनाबटी रहती है ।
{8}-नाड़ी का सही मिलान होने से --स्वास्थ दिनचर्या ,सम्बन्ध बनने पर एक दूसरे को हानि लाभ कितना रहेगा -इसका अनुमान लगाया जाता है ।
------नोट क्या हमें अपनी संगनी चयन करने में ज्योतिष मदद नहीं करती है ---क्या हमें दाम्पत्य सुख के लिए अष्टकूटों {कुंडली मिलान }के मिलान नहीं करने चाहिए ?
----निवेदक -पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "{मेरठ भारत }  

सोमवार, 29 अक्टूबर 2012

"देश -विदेश ज्योतिष पाक्षिक विचार =30/10/से -13/11/2012-तक ?"

--"देश -विदेश ज्योतिष पाक्षिक विचार =30/10/से -13/11/2012-तक ?"---"यत्र मासे महि सुनोर्जायनते पञ्च वासराः ।
        रक्तेन पूरिता पृथ्वी छत्र भंगस्तदा भवेत् ।।राज 0}
-----भाव -महिने में पांच मंगलवार पड़ने से हानी होगी ।-जैसे -विश्व के अनेक देशों में तोड़ -फोड़ ,मारपीट ,आगजनी ,लूटपाट की क्रूर घटनाएँ घटेंगी ।रक्तरंजित महि के जीव विशेष चिंतित होंगें । सत्ता हस्तांतरण की लडाई आर -पार की होगी ।खाड़ी के देशों में तहलका मचेगा ।सरकारी  राहत घोषणाओं से लोग प्रसन्न होंगें ।देश में विदेशियों का बढ़ता प्रभाव दुःख का कारण बनेगा ।।
-----तेजी मंदी विचार ----वर्तमान भाव में कुछ परिवर्तन से आगे स्थिरता आएगी ।
-----"मंगलवारी पड़े दिवारी ,हँसे किसान रोवे व्यापारी "-----अर्थात किसानों को विशेष लाभ होगा ,किन्तु व्यापारियों के लिए दीपावली मंगलवार में पड़ने से  कुछ दुखदायी रहेगी ।इसलिए व्यापारियों को सोच विचार कर व्यापार करना चाहिए ।-----"जेहि पखवारे तिथि बढे ,वाही में घट जाय ,सभी वस्तु मंदी बिकै ,मंहगाई हट जाय -----अतः व्यापार निजी सूझ -बुझ से करें ।।
   ----आकाश लक्षण -----पक्ष के अंत में बुद्ध अस्त  होगा एवं शनि के उदय के प्रभाव से मौसम ख़राब होगा । जम्मू कश्मीर के साथ -साथ अन्य पर्वतीय क्षेत्रों में ठंढ विशेष बढ़ेगी ।यातायात में बाधा पड़ेगी ।रेल इत्यादि में कुघतना घट सकती है ।
       ------विशेष -----"अमन्त्राक्षर नास्ति नास्ति मूलम अनौषधम ।
                                  अयोग्यः पुरुषः नास्ति योजकः तत्रा दुलभः ।।
----विचार करें प्रत्येक अक्षर मन्त्र है ,कंदमूल ,औषधि ,व्यक्ति गुणवान है ----किन्तु उन सभी को समझकर काम में लाने वाले अति दुर्लभ हैं ।।
------प्रेषकः पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री {मेरठ -भारत } 

सोमवार, 15 अक्टूबर 2012

"देश -विदेश "ज्योतिष "पाक्षिक विचार -16/10 से 29/10/2012-तक ?"

     "देश -विदेश "ज्योतिष "पाक्षिक विचार -16/10 से 29/10/2012-तक ?"
--तुला में पिता{सूर्य } पुत्र{शनि } के संयोग का फल ----
                   -----"तुला में आये रवि शनि ,नीच ऊँच के योग ।
                           नित उत्पात होय जग ,बाढ़ें रोग वियोग ।।{राजधानी पंचांग }
----रवि एवं शनि के अशुभ योग होने से देश -विदेशों में अनेक तरह के उत्पात होंगें ।पश्चिमी सीमा पर युद्ध उपात षड़यंत्र रचा जायेगा ।राजनीति में अकल्पित उलटफेर की सम्भावना बनेगी ।कश्मीर का मुद्दा गरमायेगा ।अन्य देश दबाब बनाने का प्रयास करेंगें ।-थाईलेंड ,मलेशिया ,सिंगापूर तथा आस्ट्रेलिया में असंभावि घटना चक्र तूफान आदि का भय व्याप्त रहेगा ।।
----तेजी मंदी ---पक्ष के शुरू में तुला की संक्रांति एवं चन्द्र दर्शन के कारण मंहगाई कम होगी किन्तु कन्या का शुक्र खेती में हानी करेगा ।
-----------सभी अनाज -चावल ,दाल ,मूंगफली ,तिल ,तेल ,घी ,बेसन ,पेठा ,उनी वस्त्र ,निर्माण की वस्तुएं ,कागज ,स्टेशनरी के भाव बढेंगें ।
  ------आकाश लक्षण ---ग्रहों के अनुसार -पक्ष के आरम्भ और अंत में मौसम ख़राब होगा ।जहाँ -तहाँ  हलकी बूंदा -बांदी से राहत मिलेगी ।पर्वतीय क्षेत्रों में ठंढ बढ़ने लगेगी ।कहीं बर्फबारी हो सकती है ।।
---------नवरात्रों में तिथि की घटा -बढ़ी होने पर पाठ का क्रम -कम ज्यादा होते हैं ,सो इसका इसका दोष नहीं होता है बल्कि उत्तम रहता है ।------
                                 "तिथि व्रेद्धो तिथि ह्रासे नवरात्रमपार्थकम । अष्ट रात्रे न दोषोयम नवरात्र तिथिक्षये ।।{निर्णय सिन्धु -334}अर्थात तिथि क्षय हो जाए तो पाठ अलग से नहीं करना चाहिए ?"
-----निवेदक पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री {मेरठ -भारत }

रविवार, 30 सितंबर 2012

"देश -विदेश पाक्षिक ज्योतिष विचार -1/10/से 15/10/12तक ?"

------"सोमस्य पंचवारास्यु  यत्र मासे भवन्ति हि ।
            धन धान्य समृद्धि स्यात सुखं भवन्ति सर्वदा ।।
---भाव --मास में पांच सोमवार शुभ हैं ।देश -विदेशों में सौख्य समृद्धि बढ़ेगी ।खेती में पैदावार अच्छी होगी ।सरकार छोटे -छोटे कारखाने उद्योग -धंधों को राहत देने पर विचार करेगी ।-राहु +मंगल का अंगारक योग कुछ गड़बड़ी करेगा ।
    ----------"राहु रंगार कश्चैव राशि ऋच्छ गतो तथा ।
                    महा भयं च सस्यानाम न च वृष्टि प्रजायते ।।
--अर्थात ---जहाँ -तहाँ अवर्षणवसात  क्षति हो सकती है ।सूर्य के आगे शनि राजनीति में उठापटक करायेगा ।चोर ,उचक्के ,लफंगें घोटालेबाजों की चांदी कटेगी ।सरकारी तंत्र की विफलता बढ़ेगी ।
--------तेजी मंदी विचार ---------तुला का बुध अनाजों के साथ -साथ गुड ,चीनी ,घी ,तेल ,मूंगफली ,उन ,ऊनी वस्त्र ,वारदाना आदि में तेजी करेगा ।---पक्ष के आरम्भ में बने भाव अंत में पलट सकते हैं ।
-----आकाश लक्षण -----पश्चिमास्त शनि के प्रभाव से जहाँ -तहाँ हल्की वर्षा का संयोग बनेगा ।बदलते मौसम में अनेक प्रकार के रोगों का प्रादुर्भाव होगा ।यान -खान कुघतना चक्र संभव है ।अन्तरिक्ष में अजीब करिश्मा हो सकता है ।
---------नोट --सोमवती अमावस -पितृपक्ष में सर्वाधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है ।गया आदि तीर्थ में स्नान दानादि के करने वाले दोगुने पुन्य के भागीदार बनते हैं ।पितरों की मोक्ष सहज हो जाती है ।
   ----यथा ---वनस्पति गते सोमे या छाया प्रांग मुखी भवेत् ।
                     गज्छाया तु सा प्रोक्ता तस्यां श्राद्धं प्रकल्पयेत ।।
भवदीय -पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "{मेरठ -उत्तर प्रदेश }
   संपर्क सूत्र --9897701636---9358885616

गुरुवार, 27 सितंबर 2012

"ज्योतिष सेवा सदन -में एकबार पुनः "सुस्वागतम "

"ज्योतिष सेवा सदन -में एकबार पुनः "सुस्वागतम "
सभी मित्र बन्धुगण--झा शास्त्री का एकबार पुनः प्रणाम स्वीकार करें ।
      ज्योतिष सेवा -12-09-2012से 26-09-2012 तक अनुपलब्ध थी ----इस बात का हमें अत्यधिक खेद है ।--आज दिनांक -27-09-2012 से ज्योतिष सेवा सदन के सदस्यों के लिए ज्योतिष सेवा उपलब्ध रहेगी ,किन्तु ज्योतिष सेवा निःशुल्क -2012 में अनुपलब्ध रहेगी --------।।
    ----ज्योतिष सेवा सदन की विशेष जानकारी ---पेज या प्रोफाइल में करें ?
            निवेदक -पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री {मेरठ -उत्तर प्रदेश }
     हेल्प लाइन --9897701636--9358885616--------।।

शनिवार, 8 सितंबर 2012

"शेषनाग "नामक कालसर्पयोग के स्वभाव और प्रभाव ?

      "शेषनाग "नामक कालसर्पयोग के स्वभाव और प्रभाव ?
-----शेषनाग --नामक कालसर्पयोग जन्मकुंडली में तब बनता है ,जब जन्मकुंडली के द्वादश {बारहवें }भाव में "राहु "हो एवं छठे {षष्ठम }भाव में "केतु हो ,साथ ही सूर्य के साथ -साथ सातों ग्रह बीच {मध्य }में स्थित हों ।---"शेषनाग "नामक कालसर्पयोग में जन्म लेने वाले लोग देश -परदेश  कहीं भी एक जैसी परिस्थितियों में रहते हुए अपने विकास ,खान -पान,रहन -सहन पर विशेष ध्यान देते हैं ।--इनके इनके शत्रु तंत्र -मन्त्रों की क्रियाओं द्वारा अत्यधिक हानी पंहुचाते हैं ।---दोस्तों के साथ कार्य ,व्यापार में नुकसान उठाना पड़ता है ।देश -विदेश के संपर्क से लाभ मिलता है ।खूब सोच समझकर किये गये कामों में अक्सर हानी होती है ,किन्तु जो काम अचानक हो जाता है -वही विशेष लाभदायक होता है ।।
--------भवदीय आत्मबंधु ---पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री " मेरठ -{भारत }

"विषाक्त "नामक कालसर्पयोग का स्वभाव और प्रभाव ?

    
--------विषाक्त --नामक कालसर्पयोग जन्मकुंडली में तब बनता है जब एकादश भाव में "राहु "हो एवं पंचम भाव में "केतु "हो,साथ ही सातों ग्रह उन दोनों के बीच स्थित हों ।---"विषाक्त "नामक कालसर्पयोग में जन्म लेने वाले लोग -निर्माणकार्य,नईखोज एवं प्रगतिशील जीवन के लिए बहुत ही संघर्ष करते हैं किन्तु सफल रहते हैं ।--भावुकता तथा उदारता के कारण इन्हें आर्थिक क्षति भी उठानी पड़ती है ।----विद्या ,धन और पुत्र सम्बन्धी सुख की पूर्णतः {मनोनुकूल } प्राप्ति नहीं होती है ।---इन तीनों में से कोई एक ही सुख मिल पाता है ।बांकी के दो सुखों से वंचित ही रह जाते हैं । ----इनका स्वभाव सरल और व्यवसायिक होता है ।----काका ,ताऊ ,चाचा आदि के परिवार से अति चिंतित रहते हैं ।
----------भाव ---ज्योतिष को नेत्र की अपधि मिली है और आँखों से देखने के बाद मन किसी भी बात को सत्य मान लेता है ---और जब मन की स्वीकृति मिल जाती है -तो फिर एक कान से दूसरे कानों तक पंहुंचने में देर नहीं लगती है ।अतः  ---ज्योतिष को फलादेश के कारण प्रसिद्धि मिलती है ---इसलिए फलादेश में जन्मकुंडली के योगों  की अत्यधिक महत्त्व है ---इन योगों के बिना ज्योतिष विद्या निरस हो जाती है । ग्रहों के संयोग से योग बनते हैं जो हमें राजा से रंक और रंक से राजा बनाते है ।आइये हमलोग भी अपनी -अपनी जन्मकुंडली में योगों की तलाश करें जो हमें नीरस भरी जिन्दगी को खुशहाल बना दे ।
              ----भवदीय आत्मबंधु -ज्योतिष सेवा सदन {पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "मेरठ -{भारत }