"अनुभव और निदान "
लोग क्या सोचते हैं,"जननी" के विषय में, यह तो हम नहीं जानते परन्तु शास्त्रों का क्या मत है ,आइये जानने की कोशिश करते हैं ? प्रायः वैदिक रीति से जिन जातकों के "पाणीग्रहण"संस्कार होते हैं ,उस संस्कार में समस्त विधान होने वाद भी वधु दायीं तरफ ही रहती है ,और जबतक वधु वामांग नहीं होती है तबतक यह संस्कार पूर्ण नहीं होता है | इसके लिए सभी जातकों को उनकी बात माननी पड़ती है-
[१]-आप यज्ञ करेंगें और मेरे विचार के अनुसार करेंगे |
[2]-आप दान करेंगे परन्तु सहमती हमारी होगी |
[३]-आप तीनो अवस्थाओं में मेरी पालना करेंगे |
[४]-आप जो संपत्ति लेंगें .मेरे विचार से |
[५]-आपके पास जो भी संपत्ति हो या नहीं हो हमें जानकारी देंगें |
[6]- आप हमें सभी ऋतुओं का आनंद प्रदान करेंगें |
[७]-आपको यदि हमारी कोई बात अच्छी न लगे तो आप हमें एकांत में समझायेंगें न कि किसी के समक्ष हमारा अपमान करेंगें
[और वर उसे स्वीकार करता है ,प्रतिज्ञां करता है वो भी अग्नि के समक्ष ] भाव -मेरे विचार से हम विवाह के वाद अपने संकल्प को भूल जाते हैं ,इसमें शास्त्रों का क्या दोष है ,हमें अपने संकल्प को याद रखना चाहिए .और उस पथ पर चलना चाहिए जिससे हमारे संस्कार की प्रेरणा समाज को भी मिले | [भाग दो कल] निवेदक -झा शास्त्री |
-एकबार सभी मित्रों को निःशुल्क ज्योतिष सेवा संपर्क सूत्र से मिलेगी । -आजीवन सदस्यता शुल्क -1100.rs,जिसकी आजीवन सम्पूर्ण जानकारी सेवा सदन के पास होगी ।। --सदस्यता शुल्क आजीवन {11.00- सौ रूपये केवल । --कन्हैयालाल शास्त्री मेरठ ।-खाता संख्या 20005973259-स्टेट बैंक {भारत }Lifetime membership fee is only five hundred {11.00}. - Kanhaiyalal Meerut Shastri. - Account Number 20005973259 - State Bank {India} Help line-09897701636 +09358885616
भवदीय निवेदक "ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ उत्तर प्रदेश }
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"कुम्भ राशि-के जातक के स्वभाव और प्रभाव ?" इस राशि वाले व्यक्ति का शरीर ऊँचा ,अवयव बडे,चेहरा सुन्दर ,प्रेम तरंगी ...
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"संस्कृत साहित्य और महाकवि "भारवि " संस्कृत साहित्य में बहुत से महा कवि हुए ,किन्तु कवि "भारवि भी म...
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"आयु तो निश्चित है,मनन करें, अष्टम भाव का ?" जीवों की आयु का निर्णय तो "व्रह्माजी " माँ के गर्भ में ही निर्धारित ...
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"अपनी -अपनी जन्म तिथियों के स्वाभाव और प्रभाव जानें ?" --ज्योतिष के दो प्रारूप हैं -गणित और फलित |-गणित को गणना के माध्यम से ...
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"देश -विदेश पाक्षिक ज्योतिष विचार -20-06 से 3-062012-तक ?" --मास में पांच मंगलवार का फल उत्तम नहीं है ---- "यत्र...
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---मकर एवं कुम्भ लग्न की कुंडली में यदि "कालसर्पयोग "हो तो --वैसे जातक खनिज ,पेट्रोलियम ,एसिड ,कोयला ,मेडिकल या केमिकल क्षेत्र मे...
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"पंचकों में क्या करें ? क्या नहीं करें?" --रत्नमाला ग्रन्थ के अनुसार -धनिष्ठा ,शतभिषा ,पूर्वाभाद्रपद,उत्तरा भाद्रपद और रेवती...
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--प्रश्न का उत्तर जानने से पहले हमें कुछ भारतीय -ज्योतिर गणित {कालगणना }के सन्दर्भ में जानना होगा | -----सूर्योपनिषद में तो सूर्य को समस्त ...
"झा शास्त्री "मेरठ {उत्तर प्रदेश }
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"कुम्भ राशि-के जातक के स्वभाव और प्रभाव ?" इस राशि वाले व्यक्ति का शरीर ऊँचा ,अवयव बडे,चेहरा सुन्दर ,प्रेम तरंगी ...
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"संस्कृत साहित्य और महाकवि "भारवि " संस्कृत साहित्य में बहुत से महा कवि हुए ,किन्तु कवि "भारवि भी म...
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"आयु तो निश्चित है,मनन करें, अष्टम भाव का ?" जीवों की आयु का निर्णय तो "व्रह्माजी " माँ के गर्भ में ही निर्धारित ...
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"अपनी -अपनी जन्म तिथियों के स्वाभाव और प्रभाव जानें ?" --ज्योतिष के दो प्रारूप हैं -गणित और फलित |-गणित को गणना के माध्यम से ...
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"देश -विदेश पाक्षिक ज्योतिष विचार -20-06 से 3-062012-तक ?" --मास में पांच मंगलवार का फल उत्तम नहीं है ---- "यत्र...
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---मकर एवं कुम्भ लग्न की कुंडली में यदि "कालसर्पयोग "हो तो --वैसे जातक खनिज ,पेट्रोलियम ,एसिड ,कोयला ,मेडिकल या केमिकल क्षेत्र मे...
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"पंचकों में क्या करें ? क्या नहीं करें?" --रत्नमाला ग्रन्थ के अनुसार -धनिष्ठा ,शतभिषा ,पूर्वाभाद्रपद,उत्तरा भाद्रपद और रेवती...
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--प्रश्न का उत्तर जानने से पहले हमें कुछ भारतीय -ज्योतिर गणित {कालगणना }के सन्दर्भ में जानना होगा | -----सूर्योपनिषद में तो सूर्य को समस्त ...
बुधवार, 15 सितंबर 2010
" "अनुभव और निदान " लोग क्या सोचते हैं,"जननी" के विषय में, यह तो हम नहीं जानते परन्तु शास्त्रों का क्या मत है ,आइये जानने की कोशिश करते हैं ? प्रायः वैदिक रीति से जिन जातकों के "पाणीग्रहण"संस्कार होते हैं ,उस संस्कार में समस्त विधान होने वाद भी वधु दायीं तरफ ही रहती है ,और जबतक वधु वामांग नहीं होती है तबतक यह संस्कार पूर्ण नहीं होता है | इसके लिए सभी जातकों को उनकी बात माननी पड़ती है- [१]-आप यज्ञ करेंगें और मेरे विचार के अनुसार करेंगे | [2]-आप दान करेंगे परन्तु सहमती हमारी होगी | [३]-आप तीनो अवस्थाओं में मेरी पालना करेंगे | [४]-आप जो संपत्ति लेंगें .मेरे विचार से | [५]-आपके पास जो भी संपत्ति हो या नहीं हो हमें जानकारी देंगें | [6]- आप हमें सभी ऋतुओं का आनंद प्रदान करेंगें | [७]-आपको यदि हमारी कोई बात अच्छी न लगे तो आप हमें एकांत में समझायेंगें न कि किसी के समक्ष हमारा अपमान करेंगें [और वर उसे स्वीकार करता है ,प्रतिज्ञां करता है वो भी अग्नि के समक्ष ] भाव -मेरे विचार से हम विवाह के वाद अपने संकल्प को भूल जाते हैं ,इसमें शास्त्रों का क्या दोष है ,हमें अपने संकल्प को याद रखना चाहिए .और उस पथ पर चलना चाहिए जिससे हमारे संस्कार की प्रेरणा समाज को भी मिले | [भाग दो कल] निवेदक -झा शास्त्री | jyotish evm karmkand ,Anubhav our nidan"
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