-एकबार सभी मित्रों को निःशुल्क ज्योतिष सेवा संपर्क सूत्र से मिलेगी । -आजीवन सदस्यता शुल्क -1100.rs,जिसकी आजीवन सम्पूर्ण जानकारी सेवा सदन के पास होगी ।। --सदस्यता शुल्क आजीवन {11.00- सौ रूपये केवल । --कन्हैयालाल शास्त्री मेरठ ।-खाता संख्या 20005973259-स्टेट बैंक {भारत }Lifetime membership fee is only five hundred {11.00}. - Kanhaiyalal Meerut Shastri. - Account Number 20005973259 - State Bank {India} Help line-09897701636 +09358885616
भवदीय निवेदक "ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ उत्तर प्रदेश }
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"कुम्भ राशि-के जातक के स्वभाव और प्रभाव ?" इस राशि वाले व्यक्ति का शरीर ऊँचा ,अवयव बडे,चेहरा सुन्दर ,प्रेम तरंगी ...
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"संस्कृत साहित्य और महाकवि "भारवि " संस्कृत साहित्य में बहुत से महा कवि हुए ,किन्तु कवि "भारवि भी म...
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"आयु तो निश्चित है,मनन करें, अष्टम भाव का ?" जीवों की आयु का निर्णय तो "व्रह्माजी " माँ के गर्भ में ही निर्धारित ...
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"अपनी -अपनी जन्म तिथियों के स्वाभाव और प्रभाव जानें ?" --ज्योतिष के दो प्रारूप हैं -गणित और फलित |-गणित को गणना के माध्यम से ...
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"देश -विदेश पाक्षिक ज्योतिष विचार -20-06 से 3-062012-तक ?" --मास में पांच मंगलवार का फल उत्तम नहीं है ---- "यत्र...
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---मकर एवं कुम्भ लग्न की कुंडली में यदि "कालसर्पयोग "हो तो --वैसे जातक खनिज ,पेट्रोलियम ,एसिड ,कोयला ,मेडिकल या केमिकल क्षेत्र मे...
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"पंचकों में क्या करें ? क्या नहीं करें?" --रत्नमाला ग्रन्थ के अनुसार -धनिष्ठा ,शतभिषा ,पूर्वाभाद्रपद,उत्तरा भाद्रपद और रेवती...
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--प्रश्न का उत्तर जानने से पहले हमें कुछ भारतीय -ज्योतिर गणित {कालगणना }के सन्दर्भ में जानना होगा | -----सूर्योपनिषद में तो सूर्य को समस्त ...
"झा शास्त्री "मेरठ {उत्तर प्रदेश }
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"कुम्भ राशि-के जातक के स्वभाव और प्रभाव ?" इस राशि वाले व्यक्ति का शरीर ऊँचा ,अवयव बडे,चेहरा सुन्दर ,प्रेम तरंगी ...
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"अपनी -अपनी जन्म तिथियों के स्वाभाव और प्रभाव जानें ?" --ज्योतिष के दो प्रारूप हैं -गणित और फलित |-गणित को गणना के माध्यम से ...
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---मकर एवं कुम्भ लग्न की कुंडली में यदि "कालसर्पयोग "हो तो --वैसे जातक खनिज ,पेट्रोलियम ,एसिड ,कोयला ,मेडिकल या केमिकल क्षेत्र मे...
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"पंचकों में क्या करें ? क्या नहीं करें?" --रत्नमाला ग्रन्थ के अनुसार -धनिष्ठा ,शतभिषा ,पूर्वाभाद्रपद,उत्तरा भाद्रपद और रेवती...
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--प्रश्न का उत्तर जानने से पहले हमें कुछ भारतीय -ज्योतिर गणित {कालगणना }के सन्दर्भ में जानना होगा | -----सूर्योपनिषद में तो सूर्य को समस्त ...
शनिवार, 18 सितंबर 2010
"अनुभव अपना -अपना "
आज हम सम्मुखी करण के वाद ही विवाह के लिए अनुमति देते हैं ,किन्तु प्राचीन काल में कुंडलियों के द्वारा ही हमें यह आभास हो जाता था , की वधु कैसी है एवं हमारे परिवार में समाहित हो पायेगी या नहीं | आइये उस प्राचीन तकनिकी का स्पर्श करने की कोशिश करते हैं |
कुंडली में द्वादश भाव होते हैं ,जिसमें प्रथन भाव को लग्न कहते हैं | हमें लग्न के द्वारा जातक की आकृति ,रंग ,कद एवं स्वाभाव की जानकारी मिलती है | लग्न में जितने ग्रह होंगें बदलाव भी जातक के उतने ही होंगें |
[१]-मेष ,वृश्चिक सिंह ,के जातक स्वाभाव के धनी रूपवान ,लम्बे कद के प्रायः होते हैं ,किन्तु इनका सभी के साथ सामंजस नहीं हो पाता है | ये अपने अनुकूल स्वभाव वालों के साथ ही रहना पसंद करते हैं |
[२]-धनु ,मीन ,कर्क .कन्या ,मिथुन ,वृष एवं तुला लग्न के जातको का -रंग .रूप .व्यवहार .एवं कद ये सभी गुणों से संपन्न होते हैं ,सभी के साथ निभाना और वाक्पटुता में अत्यधिक निपुण होते हैं ,यदि इनके साथ पापी ग्रह नहीं हों तो |
[३]-मकर ,कुम्भ राशी के जातक श्याम वर्ण के होते हैं ,किन्तु यदि इनके साथ देव ग्रह विराजमान हो तो रंग का परिवर्तन भी हो जाताहै | यह स्वभाव ,रंग एवं सामंजस तो सभी के साथ कर तो लेते हैं किन्तु धीमीगति के करण विवाद से युक्त हो जाते हैं ,और निभाना मिश्किल हो जाता है |
भाव >यदि जातक का समय सही है तो फलित में अंतर नहीं आता है| अतः यह फलित राशी से नहीं देखें वल्कि कुंडलियों से विचार करें |
भवदीय -झा शास्त्री [मेरठ ]
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"अनुभव अपना -अपना "आज हम सम्मुखी करण के वाद ही विवाह के लिए अनुमति देते हैं ,किन्तु प्राचीन काल में कुंडलियों के द्वारा ही हमें यह आभास हो जाता था , की वधु कैसी है एवं हमारे परिवार में समाहित हो पायेगी या नहीं | आइये उस प्राचीन तकनिकी का स्पर्श करने की कोशिश करते हैं |
कुंडली में द्वादश भाव होते हैं ,जिसमें प्रथन भाव को लग्न कहते हैं | हमें लग्न के द्वारा जातक की आकृति ,रंग ,कद एवं स्वाभाव की जानकारी मिलती है | लग्न में जितने ग्रह होंगें बदलाव भी जातक के उतने ही होंगें |
[१]-मेष ,वृश्चिक सिंह ,के जातक स्वाभाव के धनी रूपवान ,लम्बे कद के प्रायः होते हैं ,किन्तु इनका सभी के साथ सामंजस नहीं हो पाता है | ये अपने अनुकूल स्वभाव वालों के साथ ही रहना पसंद करते हैं |
[२]-धनु ,मीन ,कर्क .कन्या ,मिथुन ,वृष एवं तुला लग्न के जातको का -रंग .रूप .व्यवहार .एवं कद ये सभी गुणों से संपन्न होते हैं ,सभी के साथ निभाना और वाक्पटुता में अत्यधिक निपुण होते हैं ,यदि इनके साथ पापी ग्रह नहीं हों तो |
[३]-मकर ,कुम्भ राशी के जातक श्याम वर्ण के होते हैं ,किन्तु यदि इनके साथ देव ग्रह विराजमान हो तो रंग का परिवर्तन भी हो जाताहै | यह स्वभाव ,रंग एवं सामंजस तो सभी के साथ कर तो लेते हैं किन्तु धीमीगति के करण विवाद से युक्त हो जाते हैं ,और निभाना मिश्किल हो जाता है |
भाव >यदि जातक का समय सही है तो फलित में अंतर नहीं आता है| अतः यह फलित राशी से नहीं देखें वल्कि कुंडलियों से विचार करें |
भवदीय -झा शास्त्री [मेरठ ]
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