"ग्रहों के मासिक प्रभाव ,और हमारे व्यापार?"[मई =वैशाख ]
मित्रप्रवर ,राम राम ||
एक राशो यदा यान्ति चत्वारः पञ्च खेचराः|
प्लाव्यन्ति महीसर्वा रुधिरेण जलेन वा ||
जब भी एक राशी में चार ग्रहों के मिलाप हों -तो समझें कि लोग तितर वितर तो होंगें ही ,मारामारी भी संभव होते हैं | विश्व में तनाव बढेगा |एक दूसरे के ऊपर अपना प्रभाव भी दिखाएंगें | किन्तु मेष राशी का गुरु होने के कारण सभी जगह सुख की अनुभूति होगी || मित्रों के सन्देश भी अनुचित लगेंगें |सत्ता संचालकों को सचेत रहना चाहिए |चुनाव के योग बन सकते हैं -या मांग उठेगी |
=तेजी और मंदी की बात करें तो -बाज़ार के भाव सामानांतर चलते रहेंगें |--अनाज सभी ,मूंगा ,लालरंग ,की सभी वस्तुओं में तेजी आएगी |
भूमि पुत्रो यदा मेषे सुभिक्षम सर्व्धान्यकम |
प्रवलानी महर्घानी क्रोध वस्तु भवेंन्रिपः||
---मेष राशी में जब बुध और -शुक्र हों तो पदार्थों की कमी के कारण तेजी होगी |शर्राफा [आभूषण ] शेयरबाजार ,अधिक गरम होगा ||
वायुमंडल की स्थितिकी बात करें तो -- मौसम ख़राब होगा | आंधी ,जहाँ -तहां बूंदा बूंदी होगी |गर्मी से राहत मिलेगी |---गुरु अतिचारी और शनि वक्र गति से भ्रमण कर रहे हैं |-जिसके कारण भी -किसी भी देश में हो हल्ला मचेगा | दुष्ट -परस्त होंगें |
भवदीय निवेदक "झा शास्त्री " मेरठ [उत्तर प्रदेश ]
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