भवदीय निवेदक "ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ उत्तर प्रदेश }

"झा शास्त्री "मेरठ {उत्तर प्रदेश }

शुक्रवार, 8 फ़रवरी 2013

"श्री संवत =2070अर्थात -2013+2014 का सौर जगत विचार ?"

-----13 अप्रैल 2013 चैत्र शुक्ल तृतीया शनिवार की रात्रि में 1बजकर 29 मिनट पर भगवान सूर्य अश्विनी नक्षत्र में प्रवेश करेंगें ।अतः सौर वर्ष की शुरुआत मकर लग्न से होगी ।तत्कालीन कुंडली में  संसार का नायक सूर्य केतु से पीड़ित एवं शनि से दृष्ट और मंगल ,शुक्र के साथ विकल स्थिति में हैं ।वर्ष लग्न मकर बलवान है ।अंतर्राष्ट्रीयजगत कुंडली के केंद्र में बनने वाला मलेच्छ योग और पापग्रहों के प्रभाव से धरातल पर कहीं न कहीं युद्ध अवश्य होगा ।विश्व शांति के सन्दर्भ में होने वाले सभी कोशिश निरर्थक होगी।युद्ध के इच्छुक देश अथवा आतंकवादी संगठन विश्व विनाश की भरपूर कोशिश करेंगें ।
         जैसे ---"पाप बुद्धिरता लोकाः भवन्ति कार्तिके सदा ।देवता नैव मन्यन्ते राज्यं च तस्करैर्हतम ।।
अर्थात ----कार्तिक नाम के साल में विशेषतः लोग पापाचार ,दुराचार में लिप्त रहते हैं ।आतंकी उत्पात से त्रस्त ,दुखी होते है ।तस्कर ,चोर ,उच्चके ,लफंगे ,घोटालेबाज ,निरंकुश घूमते-फिरते मौजमस्ती करते हैं ।न कोई देवधर्म को मानता है ,न कोई राजतन्त्र से भय रखता है ,न पुलिस एवं कानून के दबाब में रहता है ।अर्थात चारो ओर मनमर्जी का खुला नाटक होता रहता है ।।
   ----निवेदक --ज्योतिष सेवा सदन {पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "}मेरठ उत्तर प्रदेश -भारत ।
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