"आयाची मिस्र"
कभी -कभी हमें नाम से ही गुण एवं अवगुणों की जानकारी मिल जाती है | आया -अर्थात प्रसूति विशेषज्ञा
| आयाची अर्थात जिसने कभी जीवन में याचना नहीं की ,और जिसने की, उसको कभी अपने द्वार से खली हाथ नहीं जाने दिया |
हमलोग तो जीने के लिये पत्ता नहीं क्या -क्या करते हैं | आइये कुछ दूसरों से भी जीने की कला सीखते हैं :-
"आयाची" जी विद्वान तो थे ,ही कभी अपने लिये किसी से कुछ माँगा नहीं और यदि किसीने कुछ मांग भी लिये, तो परयास रखते थे, कि कुछ न कुछ जरुर दूँ | संयोग से पुत्र रत्न प्राप्त हुआ आपको ? परन्तु विद्या के तो धनी थे ,पर धन विहीन थे ,जिस कारण से प्रसूति विशेषज्ञा ने जब आपसे पुत्र रत्न की ,परितोषिक मांगी तो आपने ये उनसे कहा की जब हमारा पुत्र कमाएगा तो पहली कमाई हम आपको देदेंगें | संयोग से वो "आया " इतनी अच्छी थी ,की आपकी बात मान ली ,और जब पुत्र आपका ५ साल का हुआ तो bharman कर रहा था किसी नदी तट पर ,वहाँ से कोई राजा गुजर रहा था तो आपके बालक को देखकर प्रशन किया ,की आप कोन हैं ,और आपके अन्दर इतनी प्रतिभा कहाँ से आई -इस बात का जबाब आपके बलाकने इस प्रकार दिया -
बलोहम जगदानन्द, न में बाला सरस्वती |
अपुरने पंचमें वर्षे , वर्ण यमी जगत्र्यम |
हे राजन | हम अभी पाँच वर्ष के भी नहीं हुए हैं ,हम बालक जरुर हैं ,परन्तु हमारी सरस्वती बाला नहीं हैं ,यदि आप कहें तो .हम तीनों लोको का वर्णन करदें. | इस बालक की बात पर "राजा " अत्यधिक प्रसन्न हुआ ,और बहुत धन धान्य भेटं की , जब बालक अपने घर आया ,तो आपने पूछा कि इतने धन आपने कहाँ से चुराया है ,बलाकने आपको सारी कथा सुनाई और आपने सारा धन उस "आया " को दे दिया | भाव - मित्र बंधू क्या नहीं है संसार में ,जरुरत है खोज की उस पाठ पर चलने की ,और जो मिले उसे भगवान का प्रसाद समझकर स्वीकार कर लेना चाहिए ,शायद सच के मार्ग पर चलने से दिक्कत तो आती है ,किन्तु जीत आपकी ही होगी |
भवदीय -झा शास्त्री मेरठ |
-एकबार सभी मित्रों को निःशुल्क ज्योतिष सेवा संपर्क सूत्र से मिलेगी । -आजीवन सदस्यता शुल्क -1100.rs,जिसकी आजीवन सम्पूर्ण जानकारी सेवा सदन के पास होगी ।। --सदस्यता शुल्क आजीवन {11.00- सौ रूपये केवल । --कन्हैयालाल शास्त्री मेरठ ।-खाता संख्या 20005973259-स्टेट बैंक {भारत }Lifetime membership fee is only five hundred {11.00}. - Kanhaiyalal Meerut Shastri. - Account Number 20005973259 - State Bank {India} Help line-09897701636 +09358885616
भवदीय निवेदक "ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ उत्तर प्रदेश }
-
"कुम्भ राशि-के जातक के स्वभाव और प्रभाव ?" इस राशि वाले व्यक्ति का शरीर ऊँचा ,अवयव बडे,चेहरा सुन्दर ,प्रेम तरंगी ...
-
"संस्कृत साहित्य और महाकवि "भारवि " संस्कृत साहित्य में बहुत से महा कवि हुए ,किन्तु कवि "भारवि भी म...
-
"आयु तो निश्चित है,मनन करें, अष्टम भाव का ?" जीवों की आयु का निर्णय तो "व्रह्माजी " माँ के गर्भ में ही निर्धारित ...
-
"अपनी -अपनी जन्म तिथियों के स्वाभाव और प्रभाव जानें ?" --ज्योतिष के दो प्रारूप हैं -गणित और फलित |-गणित को गणना के माध्यम से ...
-
"देश -विदेश पाक्षिक ज्योतिष विचार -20-06 से 3-062012-तक ?" --मास में पांच मंगलवार का फल उत्तम नहीं है ---- "यत्र...
-
---मकर एवं कुम्भ लग्न की कुंडली में यदि "कालसर्पयोग "हो तो --वैसे जातक खनिज ,पेट्रोलियम ,एसिड ,कोयला ,मेडिकल या केमिकल क्षेत्र मे...
-
"पंचकों में क्या करें ? क्या नहीं करें?" --रत्नमाला ग्रन्थ के अनुसार -धनिष्ठा ,शतभिषा ,पूर्वाभाद्रपद,उत्तरा भाद्रपद और रेवती...
-
--प्रश्न का उत्तर जानने से पहले हमें कुछ भारतीय -ज्योतिर गणित {कालगणना }के सन्दर्भ में जानना होगा | -----सूर्योपनिषद में तो सूर्य को समस्त ...
"झा शास्त्री "मेरठ {उत्तर प्रदेश }
-
"कुम्भ राशि-के जातक के स्वभाव और प्रभाव ?" इस राशि वाले व्यक्ति का शरीर ऊँचा ,अवयव बडे,चेहरा सुन्दर ,प्रेम तरंगी ...
-
"संस्कृत साहित्य और महाकवि "भारवि " संस्कृत साहित्य में बहुत से महा कवि हुए ,किन्तु कवि "भारवि भी म...
-
"आयु तो निश्चित है,मनन करें, अष्टम भाव का ?" जीवों की आयु का निर्णय तो "व्रह्माजी " माँ के गर्भ में ही निर्धारित ...
-
"अपनी -अपनी जन्म तिथियों के स्वाभाव और प्रभाव जानें ?" --ज्योतिष के दो प्रारूप हैं -गणित और फलित |-गणित को गणना के माध्यम से ...
-
"देश -विदेश पाक्षिक ज्योतिष विचार -20-06 से 3-062012-तक ?" --मास में पांच मंगलवार का फल उत्तम नहीं है ---- "यत्र...
-
---मकर एवं कुम्भ लग्न की कुंडली में यदि "कालसर्पयोग "हो तो --वैसे जातक खनिज ,पेट्रोलियम ,एसिड ,कोयला ,मेडिकल या केमिकल क्षेत्र मे...
-
"पंचकों में क्या करें ? क्या नहीं करें?" --रत्नमाला ग्रन्थ के अनुसार -धनिष्ठा ,शतभिषा ,पूर्वाभाद्रपद,उत्तरा भाद्रपद और रेवती...
-
--प्रश्न का उत्तर जानने से पहले हमें कुछ भारतीय -ज्योतिर गणित {कालगणना }के सन्दर्भ में जानना होगा | -----सूर्योपनिषद में तो सूर्य को समस्त ...
मंगलवार, 19 अक्तूबर 2010
"आयाची मिस्र"
प्रस्तुतकर्ता
ज्योतिष सेवा सदन { पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री "}{मेरठ }
पर
मंगलवार, अक्तूबर 19, 2010
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
2 टिप्पणियां:
"आयाची मिस्र"
कभी -कभी हमें नाम से ही गुण एवं अवगुणों की जानकारी मिल जाती है | आया -अर्थात प्रसूति विशेषज्ञा
| आयाची अर्थात जिसने कभी जीवन में याचना नहीं की ,और जिसने की, उसको कभी अपने द्वार से खली हाथ नहीं जाने दिया |
हमलोग तो जीने के लिये पत्ता नहीं क्या -क्या करते हैं | आइये कुछ दूसरों से भी जीने की कला सीखते हैं :-
"आयाची" जी विद्वान तो थे ,ही कभी अपने लिये किसी से कुछ माँगा नहीं और यदि किसीने कुछ मांग भी लिये, तो परयास रखते थे, कि कुछ न कुछ जरुर दूँ | संयोग से पुत्र रत्न प्राप्त हुआ आपको ? परन्तु विद्या के तो धनी थे ,पर धन विहीन थे ,जिस कारण से प्रसूति विशेषज्ञा ने जब आपसे पुत्र रत्न की ,परितोषिक मांगी तो आपने ये उनसे कहा की जब हमारा पुत्र कमाएगा तो पहली कमाई हम आपको देदेंगें | संयोग से वो "आया " इतनी अच्छी थी ,की आपकी बात मान ली ,और जब पुत्र आपका ५ साल का हुआ तो bharman कर रहा था किसी नदी तट पर ,वहाँ से कोई राजा गुजर रहा था तो आपके बालक को देखकर प्रशन किया ,की आप कोन हैं ,और आपके अन्दर इतनी प्रतिभा कहाँ से आई -इस बात का जबाब आपके बलाकने इस प्रकार दिया -
बलोहम जगदानन्द, न में बाला सरस्वती |
अपुरने पंचमें वर्षे , वर्ण यमी जगत्र्यम |
हे राजन | हम अभी पाँच वर्ष के भी नहीं हुए हैं ,हम बालक जरुर हैं ,परन्तु हमारी सरस्वती बाला नहीं हैं ,यदि आप कहें तो .हम तीनों लोको का वर्णन करदें. | इस बालक की बात पर "राजा " अत्यधिक प्रसन्न हुआ ,और बहुत धन धान्य भेटं की , जब बालक अपने घर आया ,तो आपने पूछा कि इतने धन आपने कहाँ से चुराया है ,बलाकने आपको सारी कथा सुनाई और आपने सारा धन उस "आया " को दे दिया | भाव - मित्र बंधू क्या नहीं है संसार में ,जरुरत है खोज की उस पाठ पर चलने की ,और जो मिले उसे भगवान का प्रसाद समझकर स्वीकार कर लेना चाहिए ,शायद सच के मार्ग पर चलने से दिक्कत तो आती है ,किन्तु जीत आपकी ही होगी |
भवदीय -झा शास्त्री मेरठ |
बहुत ही सार्थक और सरहनीय प्रस्तुती.....वास्तव में आजकल अयाची मिश्र जैसे लोग लुप्त हो चुके हैं ...
एक टिप्पणी भेजें