भवदीय निवेदक "ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ उत्तर प्रदेश }

"झा शास्त्री "मेरठ {उत्तर प्रदेश }

शुक्रवार, 22 अक्तूबर 2010

अभिवादन में शीलता होनी चाहिए ?

                           अभिवादन में शीलता होनी चाहिए ?
"अभिवादनशीलस्य"= हम जब भी अभिवादन करें ,तो शीलता जरुर होनी चाहिए ?अपने से बड़ों को नमस्कार नहीं ,नमस्ते ,प्रणाम ,राम -राम इत्यादि से अभिवादन करना चाहिए | अपने से छोटों कों सदा आदर करना चाहिए ,इससे हमारी मान प्रतिष्ठा बनी रहती है |-आप सभी मित्रों को हमारी राम-राम |




1 टिप्पणी:

ज्योतिष सेवा सदन { पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री "}{मेरठ } ने कहा…

अभिवादन में शीलता होनी चाहिए ?

"अभिवादनशीलस्य"= हम जब भी अभिवादन करें ,तो शीलता जरुर होनी चाहिए ?अपने से बड़ों को नमस्कार नहीं ,नमस्ते ,प्रणाम ,राम -राम इत्यादि से अभिवादन करना चाहिए | अपने से छोटों कों सदा आदर करना चाहिए ,इससे हमारी मान प्रतिष्ठा बनी रहती है |-आप सभी मित्रों को हमारी राम-राम |