भवदीय निवेदक "ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ उत्तर प्रदेश }

"झा शास्त्री "मेरठ {उत्तर प्रदेश }

मंगलवार, 26 अक्तूबर 2010

"कर्मकांड की पाठशाला "

" No one in this world is so rich that he can buy his past !So Love each &every moment of ur life b4 it turns in2 ur past !Good Morning...                                              "कर्मकांड की पाठशाला "
          अनभ्यासे विषम विद्या -अभ्यास नहीं करने पर  विद्या विष के सामान हो जाती है  |अजिरने भोजनं विषम -अत्यधिक भोजन करने पर भोजन भी जहर के सामान हो जाता है | विषम सभा दरिद्र्सय -जानते हैं ,विद्वानों की सभा में कोई अनपढ़  हो तो ?दुश्कलो मानिनो विषम -और जब मन खिन्न रहने लगे तो वो भी विष के सामान हो जाता है.|

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