"हमलोग भी तो माला बन सकते हैं ?"
मित्र बन्धु गण , कभी -कभी करीब होकर भी सही जानकारी नहीं हो पाती है
प्रायः माला सभी धारण करते हैं ,किन्तु "माला के बीच में सुमेरु होता है ,यह दीखता भी है ,किन्तु हमलोग यह नहीं जानते हैं ,कि आखिर यह बीच में क्यों होता है ||
सहपाठी गण -एकवार "मंदराचल पर्वत " को आसमान को छूने की उत्कंठा जागी,और छू भी लिया ,संयोग से "सुमेरु पर्वत को भी पता चली ,की इस संसार में "मंदराचल पर्वत "सबसे बड़ा पर्वत है -तो भला "सुमेरु" भी रुकने वाला नहीं था , "सुमेरु पर्वत "ने अपनी उचाई इतनी कर ली की ,भगवान भाष्कर का प्रकाश भूलोक पर नहीं आने दिया | इससे संसार के समस्त जीव त्रस्त हो गए , इसका समाधान क्या हो सकता है ,सभी खोजने लगे ,जानकारी मिली की -"सुमेरु पर्वत "अपने गुरु का बहुत ही सम्मान करते हैं ,तो क्यों न गुरु के पास ही चलें ,"गुरु अगस्त ऋषि " के पास सभी जीवों ने अनुनय विनय की -गरूजी ने-सभी के कल्याण हेतु -अपने शिष्य के पास गए -शिष्य गुरु को देखते ही नतमस्तक हुआ ,और गुरूजी ने यह वचन दिया कि हम जबतक वापस न आयें आप नतमस्तक ही रहें ? तबसे आजतक माला के आगे सुमेरु लटका अर्थात झुका ही रहता है |
"माला "सभी पहनते हैं -चाहे ओ स्वर्ण की हो , या नवरत्न की,पुष्प की या हीरे की सभी में "सुमेरु होता है ,किन्तु हमलोग जानने की कोशिश नहीं करते हैं ||
भाव -मित्र बन्धु गण -समय इतना बदल गया है कि,हम अपने माता पिता और गुरु की बातों को यूँ ही नकार देते हैं ,फिर हमलोगों की गलतियों को किस प्रकार से सुधार जा सकता है -हमलोग तो धन के सिवा किसी को भाव ही नहीं देते हैं -जरुरत है -अपने जीवन को सही रूप से जीने की ,और यह तभी संभव हो सकता है ,जब हम सभी का आदर करेंगें ,अपनी मानबता को समझेंगें |
निवेदक -ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री"
समय सारिणी -रात्रि ८ से ९ नेट सेवा -ऑरकुट ,फसबूक ,इबीबो ,तथा जीमेल पर एक साथ [निःशुल्क एवं निःसंकोच ] संपर्क सूत्र -०९८९७७०१६३६.०९३५८८८५६१६,मेरठ |||
-एकबार सभी मित्रों को निःशुल्क ज्योतिष सेवा संपर्क सूत्र से मिलेगी । -आजीवन सदस्यता शुल्क -1100.rs,जिसकी आजीवन सम्पूर्ण जानकारी सेवा सदन के पास होगी ।। --सदस्यता शुल्क आजीवन {11.00- सौ रूपये केवल । --कन्हैयालाल शास्त्री मेरठ ।-खाता संख्या 20005973259-स्टेट बैंक {भारत }Lifetime membership fee is only five hundred {11.00}. - Kanhaiyalal Meerut Shastri. - Account Number 20005973259 - State Bank {India} Help line-09897701636 +09358885616
भवदीय निवेदक "ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ उत्तर प्रदेश }
-
"कुम्भ राशि-के जातक के स्वभाव और प्रभाव ?" इस राशि वाले व्यक्ति का शरीर ऊँचा ,अवयव बडे,चेहरा सुन्दर ,प्रेम तरंगी ...
-
"संस्कृत साहित्य और महाकवि "भारवि " संस्कृत साहित्य में बहुत से महा कवि हुए ,किन्तु कवि "भारवि भी म...
-
"आयु तो निश्चित है,मनन करें, अष्टम भाव का ?" जीवों की आयु का निर्णय तो "व्रह्माजी " माँ के गर्भ में ही निर्धारित ...
-
"अपनी -अपनी जन्म तिथियों के स्वाभाव और प्रभाव जानें ?" --ज्योतिष के दो प्रारूप हैं -गणित और फलित |-गणित को गणना के माध्यम से ...
-
"देश -विदेश पाक्षिक ज्योतिष विचार -20-06 से 3-062012-तक ?" --मास में पांच मंगलवार का फल उत्तम नहीं है ---- "यत्र...
-
---मकर एवं कुम्भ लग्न की कुंडली में यदि "कालसर्पयोग "हो तो --वैसे जातक खनिज ,पेट्रोलियम ,एसिड ,कोयला ,मेडिकल या केमिकल क्षेत्र मे...
-
"पंचकों में क्या करें ? क्या नहीं करें?" --रत्नमाला ग्रन्थ के अनुसार -धनिष्ठा ,शतभिषा ,पूर्वाभाद्रपद,उत्तरा भाद्रपद और रेवती...
-
--प्रश्न का उत्तर जानने से पहले हमें कुछ भारतीय -ज्योतिर गणित {कालगणना }के सन्दर्भ में जानना होगा | -----सूर्योपनिषद में तो सूर्य को समस्त ...
"झा शास्त्री "मेरठ {उत्तर प्रदेश }
-
"कुम्भ राशि-के जातक के स्वभाव और प्रभाव ?" इस राशि वाले व्यक्ति का शरीर ऊँचा ,अवयव बडे,चेहरा सुन्दर ,प्रेम तरंगी ...
-
"संस्कृत साहित्य और महाकवि "भारवि " संस्कृत साहित्य में बहुत से महा कवि हुए ,किन्तु कवि "भारवि भी म...
-
"आयु तो निश्चित है,मनन करें, अष्टम भाव का ?" जीवों की आयु का निर्णय तो "व्रह्माजी " माँ के गर्भ में ही निर्धारित ...
-
"अपनी -अपनी जन्म तिथियों के स्वाभाव और प्रभाव जानें ?" --ज्योतिष के दो प्रारूप हैं -गणित और फलित |-गणित को गणना के माध्यम से ...
-
"देश -विदेश पाक्षिक ज्योतिष विचार -20-06 से 3-062012-तक ?" --मास में पांच मंगलवार का फल उत्तम नहीं है ---- "यत्र...
-
---मकर एवं कुम्भ लग्न की कुंडली में यदि "कालसर्पयोग "हो तो --वैसे जातक खनिज ,पेट्रोलियम ,एसिड ,कोयला ,मेडिकल या केमिकल क्षेत्र मे...
-
"पंचकों में क्या करें ? क्या नहीं करें?" --रत्नमाला ग्रन्थ के अनुसार -धनिष्ठा ,शतभिषा ,पूर्वाभाद्रपद,उत्तरा भाद्रपद और रेवती...
-
--प्रश्न का उत्तर जानने से पहले हमें कुछ भारतीय -ज्योतिर गणित {कालगणना }के सन्दर्भ में जानना होगा | -----सूर्योपनिषद में तो सूर्य को समस्त ...
सोमवार, 13 दिसंबर 2010
"हमलोग भी तो माला बन सकते हैं ?"
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें