भवदीय निवेदक "ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ उत्तर प्रदेश }

"झा शास्त्री "मेरठ {उत्तर प्रदेश }

मंगलवार, 11 जनवरी 2011

"धन का व्यय कितना होगा ! एक झलक द्वादश भाव पर ||"

              "धन का व्यय कितना होगा ! एक झलक द्वादश भाव पर ||" 
प्रकृत का नियम है -नष्ट सबकुछ होना है [सिवा परमात्मा के ]-जीवन में धन की महत्ता है ,इसलिए लोग धन की कामना भी करते हैं ,किन्तु जब धन आता है तो जाता भी है-धन का गमन तो होगा किन्तु किस प्रकार से -यह जानकारी हमें "ज्योतिष "की कुंडली में द्वादश भाव से मिलती है -यदि आपकी -मेष या वृश्चिक राशि है -तो धन का आगमन भी -कठिनता से होगा और ये व्यय भी सोचकर ही करेंगें || वृष या तुला राशि है आपकी तो -धन का आगमन भी विशेष होगा ,किन्तु व्यय सात्विक नही होगा अर्थात विपरीत परिस्थिति में धन आप खर्च करेंगें ||मिथुन या कन्या राशि है आपकी -तो धन का आगमन सम्मलित होकर और कठिनाई से प्राप्त होगा, किन्तु-व्यय नासमझ से होगा || कर्क या सिह राशि है आपकी -तो धन मेहनत और लग्न से कमायेंगें कितु -व्यय निरर्थक [प्रिय वस्तु पर होगा || -मकर या कुम्भ राशि है आपकी तो -धन परिश्रम से आएगा और आवश्यकतानुसार  व्यय होगा || धनु या मीन राशि है आपकी -तो धन आएगा तो सरलता से किन्तु व्यय होगा -दान धर्म और विलासिता के ऊपर || भाव मित्र प्रवर -यह योग जन्म जात होता है ,जो न चाहते हुए भी हो जाता है =सच तो यह है -धन आगमन सात्विक है ,तो गमन भी सात्विक होगा ||
  भवदीय निवेदक 'ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "मेरठ [उत्तर प्रदेश ]
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