भवदीय निवेदक "ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ उत्तर प्रदेश }

"झा शास्त्री "मेरठ {उत्तर प्रदेश }

गुरुवार, 30 जून 2011

"शनि और शुक्र के प्रभाव ,एवं ज्योतिष के विचार ?" दिनांक १-७-२०११ से ३१-७-२०११ तक

            "शनि और शुक्र के प्रभाव ,एवं ज्योतिष के विचार ?"
            दिनांक १-७-२०११ से ३१-७-२०११ तक 
निशापतेश्च तनयः कर्क राशो  यदा भवेत् |
ततोती दुखं भवति  सुभिक्षम  स्वल्प कारकम ||
    निशा अर्थात रात्रि -के देवता और पुत्र {शुक्र एवं शनि } जब किसी महीने में पांचबार पड़ते हों तो प्रभाव -- क्या -क्या होते हैं ||
      -पडोसी देश में भारी  उथल- पुथल संभव है |सूर्य और शुक्र का योग शनि के कारण बहुत ही भयानक संघर्ष करायेंगें |किसी भी बड़े नगर या प्रदेश में -कलह ,दंगा या लड़ाई  की घटना होगी | समाज के विपरीत सोचने वाले लोग ,आतंकी नया गुल अर्थात भयानक विद्रोह करा सकते हैं | प्राकृतीक प्रकोप सभी जीवों को झेलने पड़ेंगें |आंधी ,तूफान ,,भूकंप ,अग्निभय की आशंका से निराशा होगी |सरकार जनहित के लिए नई घोषणा करेगी |-श्री लंका ,नेपाल ,सिक्किम ,चीन ,रूस ,जापान के लिए समय अनुकूल नहीं है ||
       शनिवारा यदा पंच पाताले कम्पते फणी,
        ईशान देश्भंगश्च वह्नी दाहो महार्घता ||
अर्थात -जिस माह पांच शनिवार पड़े -तो शेषनाग कम्पन करने लगते हैं -भारत या विश्व के उत्तर एवं पूर्व  भागों के लिए उत्तम नहीं होता है | या तो कोई देश टूट जाता है या अग्नि भय होती है | जन जीवन पर विशेष असर पड़ता है |-अमेरिका ,ग्रीन्लेंड,आइस्लेंड ,स्पेन ,मोरक्को ,अल्जीरिया एवं नैजीरिया में प्राकृतिक आपदा एवं उपद्रव संभव हैं | प्रादेशिक सरकार के हालत बिगड़ सकते हैं ||
    तेजी मंदी की बात करें -सिंह का बुध सभी अनाज ,दाल ,चावल ,सोना ,चंडी ,आदि धातुएं ,लकड़ी ,इमारती सामानों में तेजी करेगा --ध्यान रखें - { सिंह राशो बुधः स्यात चेत सर्व धनु महर्घता--के अनुसार यह तेजी अघिक नहीं होगी -समयानुसार भाव बदल जायेंगें |
    आकाश लक्षण की बात करें तो -ग्रह राशि के विचार और मंडल समागम ,शुक्र के अस्त होने के कारण -मेघगर्जन ,विधुत्पात ,चक्रवात ,जहाँ -तहां वर्षा  ,बादल ,सर्द गर्म  की प्रक्रिया से कष्ट पहुंचेगी जन जीवन को ||
       पूर्वी प्रदेशों में अतिवृष्टि ,मध्यप्रदेश में प्रचंड गर्मी की आशंका समझें 
 शिवरात्रि २९ जुलाई की है जलाभिषेक का सही समय -प्रातः ७.७बजे के बाद सिंह लग्न एवं आर्द्रा नक्षत्र  में श्री गंगाजल से रुद्राभिषेक करना अत्यंत शुभ रहेगा ,क्योकि -भगवान् शिव का ही आर्द्रा नक्षत्र  है ,एवं जब भद्रा स्वर्ग में हो तो शुभ कार्ज़ करना चाहिए |
   शनिदेव के कारण -फल सब्जियां मिलना कठिन हो जाएँगी | सट्टा शेयर सर्राफा के भाव घटते  -बढ़ते  रहेंगें 
       भवदीय निवेदक "झा शास्त्री ' मेरठ {भारत }
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