"भविष्यवाणी "14-18 से २९-08-२०११ तक "
मास में ५ रविवार होने से उत्तम नहीं होगा ||
यत्र मासे रवेरवारा जायन्ते पञ्च सन्ततम |
भाव -जिस महीने में रविवार ५ हों तो -युद्ध ,उत्पात , आतंकित धटनाएं एवं राजनैतिक उठापटक के चलते जीवन अस्त व्यस्त रहते हैं | बड़े घोटाले का खुलासा किसी की जानलेवा सिधि हो सकता है ||
{१}-सोमवती अमावस्या का फल उत्तम होने से शांति के पर्यास किये जायेंगें | उत्पादन वृध्ही से राहत मिलेगी | राजा-प्रजाजनों में मैत्री की भावना पनपेगी ||
{२} बुधवार में सिंह होने से-मंदी का योग रहेगा ||
{ 3}-सिंह का शुक्र -सुवर्ण {सोना }लाल वस्तुएं एवं अन्य धातुओं में तेजी करेगा ||
{४}-जहाँ -तहाँ अतिवृष्टि होगी ,झंझावात के कारण खेती में क्षति होगी ,इसलिए अन्नादि रोजमर्रा की चीजों के दाम अधिक बढ़ जायेंगें ,पक्षारम्भ के बने भाव अंत में पलट सकते हैं ||
{५}-सिंह में शुक्र वर्षा अवरोधक है | झंझावात दुर्दिन होने का लक्षण है | भूकम्पादी की आशंका है | यान-खान कुघतनाचक्र संभव है ||
भवदीय निवेदक "झा शास्त्री "
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