भवदीय निवेदक "ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ उत्तर प्रदेश }

"झा शास्त्री "मेरठ {उत्तर प्रदेश }

शनिवार, 27 अगस्त 2011

"आज के विचार ="चैत्र एवं अप्रैल "

       "आज के विचार ="चैत्र एवं अप्रैल "
 मित्र प्रवर ,राम -राम ,नमस्कार |
                 ज्योतिष  के  अनुसार "चित्रा नक्षत्र -के स्वामी -विस्वकर्मा हैं | जो भी पृथ्वी पर निर्मित वस्तुएं हैं-वो भगवान् विस्वकर्मा की ही देन हैं अतः चैत्र मास भारतीय प्रथम मास का नाम पड़ा ||
                                अप्रेल =रोमन भाषा में दो शब्द हैं ,अमोनिया और एपारि-जिनका अर्थ है ,सब कुछ खोल देना | उसी पर वर्ष के चौथे माह का नाम पड़ा और यह भी कितना सार्थक है ,क्योंकि "अप्रैल" के मास में ही यूरोप  की वसुंधरा पल्लवित होती हैं | यह अप्रैल ही है,जो धरती पर से बर्फ और कुहासे का आवरण उठा देता  है ,और प्रकृति पुनः अभिनव और सतरंगी चुनर में निखर उठती है ||
            भवदीय निवेदक=ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "
                     निःशुल्क ज्योतिष  सेवा केवल फ़ोन से मिलेगी ,केवल मित्रों को ,किन्तु मित्र  कोई भी बन सकते हैं={रात्रि ८ से९ }=०९८९७७०१६३६,09358885616

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