"आज के विचार ="चैत्र एवं अप्रैल "
मित्र प्रवर ,राम -राम ,नमस्कार |
ज्योतिष के अनुसार "चित्रा नक्षत्र -के स्वामी -विस्वकर्मा हैं | जो भी पृथ्वी पर निर्मित वस्तुएं हैं-वो भगवान् विस्वकर्मा की ही देन हैं अतः चैत्र मास भारतीय प्रथम मास का नाम पड़ा ||
अप्रेल =रोमन भाषा में दो शब्द हैं ,अमोनिया और एपारि-जिनका अर्थ है ,सब कुछ खोल देना | उसी पर वर्ष के चौथे माह का नाम पड़ा और यह भी कितना सार्थक है ,क्योंकि "अप्रैल" के मास में ही यूरोप की वसुंधरा पल्लवित होती हैं | यह अप्रैल ही है,जो धरती पर से बर्फ और कुहासे का आवरण उठा देता है ,और प्रकृति पुनः अभिनव और सतरंगी चुनर में निखर उठती है ||
भवदीय निवेदक=ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "
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