भवदीय निवेदक "ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ उत्तर प्रदेश }

"झा शास्त्री "मेरठ {उत्तर प्रदेश }

रविवार, 28 अगस्त 2011

"अनुभव और निदान="वैशाख अर्थात मई ?"

       "अनुभव और निदान="वैशाख अर्थात मई ?" 
 मित्रप्रवर ,राम -राम ,नमस्कार |
                       विशाखा नक्षत्र -के आधार पर वैशाख महीना {माह }की रचना हुई है | विशाखा -नक्षत्र के-स्वामी शुक्रग्नी हैं | भारतीय ज्योतिष के अनुसार -वैशाख-माह में -अग्नि देवता पूर्ण रूप से उत्तेजित रहते हैं -तनिक सी चिंगारी भष्म करने में सक्षम होती है | "शुक्र " के कारण मदोन्मत रहती है  प्रकृति और जीव ,इसलिए भारतीय  परम्परा के अनुसार दूसरे माह का नाम -वैशाख पड़ा ?"||
                    मई=रोमन जगत के अनुसार-इस माह का नाम "एटलस "की कन्या "मईया"      से उपलब्ध हुआ है |मईया अपनी सतो बहनों से अति सुन्दर थी और  वर्ष के बारहों महीनों में भी "मई" का महीना प्रकृति को सर्व सुन्दर रूप प्रदान करता है |
                      { मेरे विचार से संसार में सभी ने यथावत -संस्कृत की जो संस्कृति है उसी का अनुसरण किये हैं | इसलिए तो सभी भाषाओँ की जननी संस्कृत को कहते हैं}
                   भवदीय निवेदक -ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ= उत्तर प्रदेश }
                                    निःशुल्क ज्योतिष सेवा केवल फ़ोन से मिलेगी ,मित्रों को रात्रि -८ से९-किन्तु मित्र  कोई भी बन सकते हैं|=०९८९७७०१६३६=09358885616
 

कोई टिप्पणी नहीं: