"आज का अनुभव =श्रावण और अगस्त ?"
मित्रप्रवर ,राम -राम,नमस्कार ||
भारतीय परम्परा में -श्रावण मास श्रवण नक्षत्र के आधार पर रखा गया है| श्रवण -नक्षत्र के स्वामी -भगवान् "विष्णु" हैं || किन्तु श्रावण मास में पूजा "शिव "की होती है-क्योंकि जो शिव को भजते हैं,उनपर भगवान्"विष्णु" प्रसन्न होते हैं ,और जो भगवान "विष्णु" को भजते हैं उनपर "शिव" प्रसन्न होते हैं ||
अगस्त=आक्टेवियास का ही एक रूप अगस्त है | यह नाम जूलियस के पोते का था | वो साहित्य और कला के लिए प्रख्यात थे | इसी के नाम के आधार पर "अगस्त " नाम रहा गया ||
भवदीय निवेदक "ज्योतिष सेवा सदन"झा शास्त्री {मेरठ =उत्तर प्रदेश }
{निःशुल्क ज्योतिष सेवा केवल मित्रों के लिए ,रात्रि ८ से९ { केवल-फ़ोन से मिलेगी }०९८९७७०१६३६=09358885616
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