भवदीय निवेदक "ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ उत्तर प्रदेश }

"झा शास्त्री "मेरठ {उत्तर प्रदेश }

गुरुवार, 8 सितंबर 2011

"विचार प्रवाह -"मार्गशीर्ष और दिसंबर "?

          "विचार प्रवाह -"मार्गशीर्ष और दिसंबर "?
 मित्रप्रवर ,राम राम,नमस्कार ||
                  मृगशिरा -नक्षत्र के आधार पर "मार्गशीर्ष "मास की रचना हुई है | मृगशिरा-नक्षत्र  के स्वामी -चंद्रमा हैं |जिस प्रकार से ,अग्नि ,वरुण ,वायु इत्यादि का सामावेस मास की रचना में किया गया ठीक इसी प्रकार से,चंद्रमा के बिना भी प्रकृति अधूरी रहती ,न प्रेम होता , न रस होते,और न ही अमृत का आभास ही होता | प्रकृति में जितने ताप की आवशयकता होती है उतनी ही शीतलता की भी ||
        दिसंबर -लैटिन भाषा के   इस शब्द का अर्थ है "दसवां " |जूलियस ने मासक्रम में इसका स्थान बारहवां रखा है | "ईसामसीह " का जन्म इसी मास में हुआ था ||
               भवदीय निवेदक "ज्योतिष सेवा सदन"झा शास्त्री"{मेरठ -उत्तरप्रदेश }
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