भवदीय निवेदक "ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ उत्तर प्रदेश }

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गुरुवार, 22 सितंबर 2011

"आज का अनुभव -इन्दिरा एकादशी ?"

           "आज का अनुभव -इन्दिरा एकादशी ?"
मित्रप्रवर -राम राम ,नमस्कार |
           आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी -"इन्दिरा एकादशी " कहलाती है  |भटकते हुए पितरों की गति सुधारने वाली एकादशी को इन्दिरा एकादशी कहते हैं ||
       अस्तु -इस दिन शालीग्राम जी की पूजा की जाती है | इस दिन शालीग्राम जी पर "तुलसी दल " अवश्य चढ़ाना चाहिए |पुराणों में कहा गया है कि-सतयुग में इन्द्रसेन नामक एक राजा था |एक दिन नारद जी उसके यहाँ पधारे और कहने लगे -हे राजन ! मैं यमलोक से आ रहा हूँ | वहां पर तुम्हारे पिता बहुत दुखी हैं | तुम उनकी सदगति के लिए -आश्विन माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी का व्रत करो | इस व्रत के प्रभाव से तुम्हारे पिताजी को सदगति प्राप्त होगी |
        इन्द्रसेन ने नारद जी के कहने पर आश्विन कृष्ण एकादशी को व्रत किया  |इससे उसके पिता यमलोक की यंत्रणा से मुक्त होकर स्वर्गलोक को चले गए | राजा की देखा देखी अनेक प्रजाजन भी यह व्रत रखने लगे 
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