भवदीय निवेदक "ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ उत्तर प्रदेश }

"झा शास्त्री "मेरठ {उत्तर प्रदेश }

गुरुवार, 15 सितंबर 2011

      " शतम जीवेम शरदः शतम"
मित्रप्रवर -राम राम ,नमस्कार ||
         सर्वप्रथम -अपने सभी बड़ों को चरण स्पर्श ||
                समकक्ष मित्रों को -नमस्कार {धन्यवाद }
                             तथा - सभी अनुजों को -"झा शास्त्री "का स्नेह एवं प्यार ||
आप सबने जो -आशीर्वाद  दिया ,प्रेम दिया , अपने  -अपने  दिल में स्थान दिया -उसके लिए हम आप सभी के आभारी हैं | सदा अपनी निर्मल छाया से ,स्नेह से आवेष्टित रखें yahi निरंतर कामना रहेगी हमारी ||
             भवदीय "झा शास्त्री "

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