" देश एवं विदेश -घटित -घटना {पाक्षिक जानकारी }
२७-१०-से १०-११-2011 तक ?
--यत्र मासे पंचावाराहा जायन्ते च ब्रेहस्पतेह |
विग्रहः पश्चिमे देशे खंग युद्ध च जायते ||
भाव -जिस मास में -५ गुरूवार पड़ते हैं | उस मास -पश्चिम के देश तथा अपने देश के प्रदेशों में भारी-कलेश एवं संघर्ष के योग बनते हैं | युद्ध ,उत्पात ,भय एवं आतंक तथा प्राकृतिक आपदा से -जीव -जंतु दुखी होते हैं |सत्ता प्राप्ति के लिए लड़ाई चरम सीमा पार कर जाती है ||
साथ ही बुध एवं शुक्र के अच्छे योग होने से -अन्न का उत्पादन बढ़ जाते हैं | तकनीकी एवं रोजगार के सुअवसर मिलते हैं | जन -जन में हर्ष होने लगते हैं |
तेजी मंदी विचार -यदा सिंह गतो भौमः -के अनुसार -सिंह[राशि} का मंगल -सोना -चांदी,तम्बा एवं लाल रंग की सभी वस्तुयों में तेजी आ जाती है | अन्य ग्रहों के योग से -ऊनी-सूती वस्त्र,मूंगफली ,चना ,सूरजमुखी,सोयाबीन ,तथा भवन के सामान ,शेयर -शर्राफा में तेजी के योग बनने लगते हैं | पूर्णिमा तिथि में भरणी नक्षत्र एवं व्यतिपात योग के संयोग हानिकारक भी होते हैं |{रोग प्राकृतिक मार के साथ -साथ घनघोर संकट के योग भी बनते हैं }
आकाश लक्षण -ग्रहों के अनुसार -भूमि पाताल नाड़ी वेध के कारण मौसम अनुकूल नहीं रहेगा |
-पक्ष के प्रारंभ एवं अंत में वर्षा ,मेघ गर्जन ,भुकम्पादी विशेष उत्पात की संभावना बन जाती है |
पहारी क्षेत्रों में बर्फबारी हो सकती है | उत्तर भारत भी धीरे -धीरे ठंढ से आवेष्टित हो जाता है|\
भवदीय निवेदक "ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ -उत्तर प्रदेश }
निःशुल्क ज्योतिष सेवा -रात्रि ८ से ९ सभी मित्रों के लिए "फेसबुक " पर उपलब्ध रहती है | सम्पर्कसूत्र -09897701636,09358885616
२७-१०-से १०-११-2011 तक ?
--यत्र मासे पंचावाराहा जायन्ते च ब्रेहस्पतेह |
विग्रहः पश्चिमे देशे खंग युद्ध च जायते ||
भाव -जिस मास में -५ गुरूवार पड़ते हैं | उस मास -पश्चिम के देश तथा अपने देश के प्रदेशों में भारी-कलेश एवं संघर्ष के योग बनते हैं | युद्ध ,उत्पात ,भय एवं आतंक तथा प्राकृतिक आपदा से -जीव -जंतु दुखी होते हैं |सत्ता प्राप्ति के लिए लड़ाई चरम सीमा पार कर जाती है ||
साथ ही बुध एवं शुक्र के अच्छे योग होने से -अन्न का उत्पादन बढ़ जाते हैं | तकनीकी एवं रोजगार के सुअवसर मिलते हैं | जन -जन में हर्ष होने लगते हैं |
तेजी मंदी विचार -यदा सिंह गतो भौमः -के अनुसार -सिंह[राशि} का मंगल -सोना -चांदी,तम्बा एवं लाल रंग की सभी वस्तुयों में तेजी आ जाती है | अन्य ग्रहों के योग से -ऊनी-सूती वस्त्र,मूंगफली ,चना ,सूरजमुखी,सोयाबीन ,तथा भवन के सामान ,शेयर -शर्राफा में तेजी के योग बनने लगते हैं | पूर्णिमा तिथि में भरणी नक्षत्र एवं व्यतिपात योग के संयोग हानिकारक भी होते हैं |{रोग प्राकृतिक मार के साथ -साथ घनघोर संकट के योग भी बनते हैं }
आकाश लक्षण -ग्रहों के अनुसार -भूमि पाताल नाड़ी वेध के कारण मौसम अनुकूल नहीं रहेगा |
-पक्ष के प्रारंभ एवं अंत में वर्षा ,मेघ गर्जन ,भुकम्पादी विशेष उत्पात की संभावना बन जाती है |
पहारी क्षेत्रों में बर्फबारी हो सकती है | उत्तर भारत भी धीरे -धीरे ठंढ से आवेष्टित हो जाता है|\
भवदीय निवेदक "ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ -उत्तर प्रदेश }
निःशुल्क ज्योतिष सेवा -रात्रि ८ से ९ सभी मित्रों के लिए "फेसबुक " पर उपलब्ध रहती है | सम्पर्कसूत्र -09897701636,09358885616
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