"जीत या हार"जानें हमारे विचार ?"
मित्रप्रवर ,राम राम ,नमस्कार ,प्रंनाम ।
हमने चुनाव से पूर्व अपने ज्योतिष आकलन पर प्रकाश डालने की कोशिश की थी । ये भी सच है जीत एक की ही होती है । हमने -{१}-सुश्री मायाबती जी के लिए लिखा था "गद्दी नहीं हिलेगी ,किन्तु उथल पुथल बहुत ही होगा ।
{२}-श्री मुलायम सिंह जी के लिए लिखा था -बहुमत के करीब होंगें ।
{३}-श्री राहुल गाँधी जी "प्रधानमंत्री बनेंगें ।
{४}-भारतीय जनता पार्टी -यथाबत रहेगी ।
और भी बहुत कुछ-वर्तमान स्थिति के अनुसार श्री मुलायम सिंह जी बहुमत से बहुत ही आगे निकल गए । आप की सोच में हमारा आकलन गलत था ,किन्तु मेरे विचार से जब मैदान में युद्ध होता है तो जीत एक की ही होती है परन्तु उत्साह {मनोबल }सबका बढ़ाते हैं लोग । संसार में -मनुष्य मात्र कर्म का प्रतिफल भोगता है। पूर्व संचित कर्म से ही राजा और रंक होता है । ज्योतिष के दो रूप होते हैं -एक -गणित जो गणना के दवरा जाना जा सकता है । {२}-दूसरा ईष्ट साधना से ही जाना जा सकता है । जिस प्रकार सत्य केवल ईस्वर है -असत्य संसार ।फिर भी माया के कारण भगवान् समझ से पड़े होते हैं -और माया रूपी संसार चक्र में जीव उलझते रहते हैं । अगर किसी के जीवन में सद गुरु मिल जाये तो पुनः माया रूपी संसार में नहीं उलझता है ।
----अतः ज्योतिष तो सत्य है ,असत्य हम हैं--जीवन रूपी कष्ट ,सुख की अनुभूति के लिए ज्योतिष अनिवार्य है किन्तु निदान कर्मकांड है । ज्योतिष हमारे वर्तमान ,भुत ,भविष्य की जानकारी देती है ,किन्तु प्रारब्ध को नहीं बदलती है ,ये ज्योतिष रूपी रहस्य परम गुप्त है जिसको सदगुरु एवं आश्था से ही जाना जा सकता है ।
कभी रोग मुक्ति के लिए दवा और दुआ दोनों की जरुरत होती -हम से किसी को कष्ट न हो बड़ों का ये भी अभिप्राय होना चाहिए । जिस प्रकार किसी संतान की प्राप्ति होने पर आचार्य यजमान की संतान को आयुष्मान का ही आशीर्वाद देते हैं ये जानते हुए भी की आयु कितनी है ।।
---आशा करते हैं -जीवन रूपी नौका को ज्योतिष की जरुरत है ज्योतिषी की भी आवश्यकता होती है ।
--हम भेद भाव रहित लीखे थे , जीतने पर कोई पारितोषिक नहीं मिलता ,मनोरंजन ,के लिए भी खुछ बातें लिखनी पड़ती हैं ।
किन्तु हम जब व्यक्तिगत किसी की कुंडली देखते हैं तो राह और सलाह हित में होती है यही ईस्वर से प्रार्थना भी रहती है ।
भवदीय ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "
सम्पर्कसूत्र -09897701636 09358885616
मित्रप्रवर ,राम राम ,नमस्कार ,प्रंनाम ।
हमने चुनाव से पूर्व अपने ज्योतिष आकलन पर प्रकाश डालने की कोशिश की थी । ये भी सच है जीत एक की ही होती है । हमने -{१}-सुश्री मायाबती जी के लिए लिखा था "गद्दी नहीं हिलेगी ,किन्तु उथल पुथल बहुत ही होगा ।
{२}-श्री मुलायम सिंह जी के लिए लिखा था -बहुमत के करीब होंगें ।
{३}-श्री राहुल गाँधी जी "प्रधानमंत्री बनेंगें ।
{४}-भारतीय जनता पार्टी -यथाबत रहेगी ।
और भी बहुत कुछ-वर्तमान स्थिति के अनुसार श्री मुलायम सिंह जी बहुमत से बहुत ही आगे निकल गए । आप की सोच में हमारा आकलन गलत था ,किन्तु मेरे विचार से जब मैदान में युद्ध होता है तो जीत एक की ही होती है परन्तु उत्साह {मनोबल }सबका बढ़ाते हैं लोग । संसार में -मनुष्य मात्र कर्म का प्रतिफल भोगता है। पूर्व संचित कर्म से ही राजा और रंक होता है । ज्योतिष के दो रूप होते हैं -एक -गणित जो गणना के दवरा जाना जा सकता है । {२}-दूसरा ईष्ट साधना से ही जाना जा सकता है । जिस प्रकार सत्य केवल ईस्वर है -असत्य संसार ।फिर भी माया के कारण भगवान् समझ से पड़े होते हैं -और माया रूपी संसार चक्र में जीव उलझते रहते हैं । अगर किसी के जीवन में सद गुरु मिल जाये तो पुनः माया रूपी संसार में नहीं उलझता है ।
----अतः ज्योतिष तो सत्य है ,असत्य हम हैं--जीवन रूपी कष्ट ,सुख की अनुभूति के लिए ज्योतिष अनिवार्य है किन्तु निदान कर्मकांड है । ज्योतिष हमारे वर्तमान ,भुत ,भविष्य की जानकारी देती है ,किन्तु प्रारब्ध को नहीं बदलती है ,ये ज्योतिष रूपी रहस्य परम गुप्त है जिसको सदगुरु एवं आश्था से ही जाना जा सकता है ।
कभी रोग मुक्ति के लिए दवा और दुआ दोनों की जरुरत होती -हम से किसी को कष्ट न हो बड़ों का ये भी अभिप्राय होना चाहिए । जिस प्रकार किसी संतान की प्राप्ति होने पर आचार्य यजमान की संतान को आयुष्मान का ही आशीर्वाद देते हैं ये जानते हुए भी की आयु कितनी है ।।
---आशा करते हैं -जीवन रूपी नौका को ज्योतिष की जरुरत है ज्योतिषी की भी आवश्यकता होती है ।
--हम भेद भाव रहित लीखे थे , जीतने पर कोई पारितोषिक नहीं मिलता ,मनोरंजन ,के लिए भी खुछ बातें लिखनी पड़ती हैं ।
किन्तु हम जब व्यक्तिगत किसी की कुंडली देखते हैं तो राह और सलाह हित में होती है यही ईस्वर से प्रार्थना भी रहती है ।
भवदीय ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "
सम्पर्कसूत्र -09897701636 09358885616
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