भवदीय निवेदक "ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ उत्तर प्रदेश }

"झा शास्त्री "मेरठ {उत्तर प्रदेश }

सोमवार, 18 जून 2012

"21-12 -2012 -की भविष्यवाणी -सत्यता -असत्यता के लिए हमें विश्व कैलेंडरों पर नजरें डालनी होंगीं ?"

"21-12 -2012 -की भविष्यवाणी -सत्यता -असत्यता के लिए हमें विश्व कैलेंडरों पर नजरें डालनी होंगीं ?"
---माया सभ्यता के मुताबिक -२१-१२-२०१२ में  क़यामत का दिन अर्थात इस्लाम एवं ईसाई धर्मानुसार मनुष्य द्वारा किये गए पाप -पुन्य के निर्णय का अंतिम दिन ,प्रलय ,हंगामा की घडी होगी ?
-----ईसाई कैलेण्डर ---
  --के अनुसार पहले दस महीने का एक साल के हुआ करते थे |अलवन जंत्री ने ग्रेगरीय जंत्री का रूप ले लिया है | इस्वी पूर्व ७१३ वें वर्ष से जनवरी ,फरवरी दो मास जोड़कर इसे १२ मास का कहा जाने लगा है |इसमें सन १५८२ में १० दिन का फर्क पड़ गया था | तबसे प्रति चौथे वर्ष फरवरी लिपियर नाम देकर २९ दिन का होने लगा |प्राकृतिक सौर वर्ष से इसवी सन का वर्ष अभी भी लगभग ९ मिनट कम रह जाता है ||
------हिजरी मुस्लिम वर्ष ------
------३४५ दिन के लगभग है जो कि  कुदरती वर्षमान से ११ दिन प्रतिवर्ष छोटा रह जाता है |यह भी सत्यता की कसौटी पर खरा नहीं उतरता है |इसे हम इस प्रकार से कह सकते हैं कि इस्लाम के अनुयायी अपना कोई निश्चित नियम नहीं बना पाए हैं | सही गणना की जाये तो चौदहवीं सदी अभी शुरू नहीं हुई है ||
---यहूदी जन्त्री-------
-----यद्यपि कान्ति पतिक सौर वर्ष है फिर भी गणनार्थ  कोई निश्चित नियम नहीं है | कभी सितम्बर से तो कभी अक्तूबर में पड़ने वाली अमावस्या से इनका वर्ष शुरू होता है |
---पारसी सन -----
------के सभी मास ३० दिन करके कभी पीछे ५ दिन ,कभी ६ दिन जोड़कर उन्हें गाथा कहा जाता है |निश्चित नियम कोई नहीं है ||
-----माया सभ्यता ------
------के कैलेण्डर की गणना का भी कोई सार मालूम नहीं पड़ता है ,क्योंकि मैक्सिको का युलुम ध्वंसावशेष-सन ५६४ वर्ष का शिलालेश से सिद्ध होता है |वहां के अधिकांश निर्माण वर्ष -१२००व १४५० के बीच के हैं |इससे यह सिद्ध होता है कि इस सभ्यता का वजूद बहुत पुराना नहीं है |--माया सभ्यता वालों ने पृथ्वी की उम्र ५१२६ वर्ष आंकी है | इसे कैसे मन लिया जाये कि पृथ्वी की उम्र इतनी ही है |इतना समय  तो लगभग महाभारत को हुए बीत चूका है | हमारी पृथ्वी तो उससे पहले भी थी ||
----भारतीय गणना ------
-----सौर चान्द्र संवत्सरों का तालमेल सृष्टि के आरम्भकाल से आजतक अक्षुण चला आ रहा है |पंचांग प्रकृति से यथ्वत मेल खता है | पंचाग की गणना नुसार -सन २०१२ में प्रलय या महाप्रलय का समय नहीं आ रहा है ||
--अतः किसी को भयभीत होने की जरुरत नहीं है ||
--भवदीय पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री {मेरठ उत्तर प्रदेश }
--ज्योतिष सेवा निःशुल्क रात्रि ८ से९.३०तक एकबार सभी मित्रों को मिलेगी संपर्क सूत्र द्वारा -09897701636 ,09358885616

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