"देश-विदेश पाक्षिक ज्योतिष विचार -5-जून-से १९-जून २०१२ तक ?"
----अतिचारी गते जीवे शनौ वक्रत्व भागते | हा! हा !!,
भूतं जगत्सर्वं रुण्ड मुंडा च मेदिनी ||
-----भाव -गुरु अतिचारी एवं शनि वक्री नव पंचम योग में अति नष्ट है -{-अर्थात उत्तम नहीं है } | इस योग के कारण- मास पर्यंत विश्व के किन्हीं देशों में -रुण्ड -मुंड लुढ़कते नजर आयेंगें -अर्थात -आततायी लोग परास्त होंगें | पश्चिम के देशों में तनाव बढेगा |नेपाल ,चीन ,मंगोलिया ,पाकिस्तान ,अफगानिस्तान ,ईरान ,इराक एवं साउदीअरब में भारी हलचल होगी | यूरोपियन देश एशिया के देशों पर दबाब बनाने का प्रयास करेंगें | सीमाओं पर तनाव बढेगा |भारतीय राजनीति में उठा -पटक जारी रहेगी |चुनावी सरगर्मी बढ़ेगी |मंदिर ,मस्जिद ,गुरुद्वारा -धार्मिक विवाद लडाई के केंद्र में रहेगा |--
"एक रशो यदा यन्ति चत्वारः पंचखेचराः |
प्लाव्यन्ति महीं सर्वा रुधिरेण जलें वा ||
---भाव जब एक राशि में चार ग्रह होते हैं -तो पृथ्वी जल से या रक्त से रंजित हो जाती है अर्थात शांतिवार्ता ---निष्फल हो सकती है ||
तेजी मंदी -समय उत्तम होने के कारण -बाजार का रुख नरम रहेगा ----सोना ,चांदी ,मशीनरी ,वाहन ,पेयपदार्थ, फल फूल ,सब्जियों के भावों में बढ़ोत्तरी होगी | शेयर शर्राफामें दोतरफा चाल होगी ||
आकाश लक्षण -शुक्रोदय के प्रवाव -से आंधी- तूफान ,मेघाडंबर के साथ -साथ बूंदा -बूंदी होगी | तापमान वृद्धि के कारण लोग पीड़ित होंगें | सौर धब्बों का प्रकोप विश्व में भारी क्षति का लक्षण होता है ||
सदा याद रखें ---"अमंत्रामक्षरं नास्ति मूलं अनौषधम |
अयोग्यः पुरुषाः नास्ति योजकः तत्र दुर्लभाः {राजधानी }
भाव -संसार में कोई भी वस्तु निरर्थक नहीं है ||
भवदीय निवेदक --पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री {मेरठ उत्तर प्रदेश }
----अतिचारी गते जीवे शनौ वक्रत्व भागते | हा! हा !!,
भूतं जगत्सर्वं रुण्ड मुंडा च मेदिनी ||
-----भाव -गुरु अतिचारी एवं शनि वक्री नव पंचम योग में अति नष्ट है -{-अर्थात उत्तम नहीं है } | इस योग के कारण- मास पर्यंत विश्व के किन्हीं देशों में -रुण्ड -मुंड लुढ़कते नजर आयेंगें -अर्थात -आततायी लोग परास्त होंगें | पश्चिम के देशों में तनाव बढेगा |नेपाल ,चीन ,मंगोलिया ,पाकिस्तान ,अफगानिस्तान ,ईरान ,इराक एवं साउदीअरब में भारी हलचल होगी | यूरोपियन देश एशिया के देशों पर दबाब बनाने का प्रयास करेंगें | सीमाओं पर तनाव बढेगा |भारतीय राजनीति में उठा -पटक जारी रहेगी |चुनावी सरगर्मी बढ़ेगी |मंदिर ,मस्जिद ,गुरुद्वारा -धार्मिक विवाद लडाई के केंद्र में रहेगा |--
"एक रशो यदा यन्ति चत्वारः पंचखेचराः |
प्लाव्यन्ति महीं सर्वा रुधिरेण जलें वा ||
---भाव जब एक राशि में चार ग्रह होते हैं -तो पृथ्वी जल से या रक्त से रंजित हो जाती है अर्थात शांतिवार्ता ---निष्फल हो सकती है ||
तेजी मंदी -समय उत्तम होने के कारण -बाजार का रुख नरम रहेगा ----सोना ,चांदी ,मशीनरी ,वाहन ,पेयपदार्थ, फल फूल ,सब्जियों के भावों में बढ़ोत्तरी होगी | शेयर शर्राफामें दोतरफा चाल होगी ||
आकाश लक्षण -शुक्रोदय के प्रवाव -से आंधी- तूफान ,मेघाडंबर के साथ -साथ बूंदा -बूंदी होगी | तापमान वृद्धि के कारण लोग पीड़ित होंगें | सौर धब्बों का प्रकोप विश्व में भारी क्षति का लक्षण होता है ||
सदा याद रखें ---"अमंत्रामक्षरं नास्ति मूलं अनौषधम |
अयोग्यः पुरुषाः नास्ति योजकः तत्र दुर्लभाः {राजधानी }
भाव -संसार में कोई भी वस्तु निरर्थक नहीं है ||
भवदीय निवेदक --पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री {मेरठ उत्तर प्रदेश }
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