भवदीय निवेदक "ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ उत्तर प्रदेश }

"झा शास्त्री "मेरठ {उत्तर प्रदेश }

रविवार, 10 जून 2012

जन्मराशि और नामराशि का उपयोग कर्म के अनुसार करें ?"

  "जन्मराशि और नामराशि का उपयोग कर्म के अनुसार करें ?"
---जिन जातकों को अपनी जन्मराशि और प्रचलित नामराशि की जानकारी हों--वो जातक अपने -अपने कार्य के अनुसार राशि का उपयोग करें ---
----"विवाहे सर्वमांगल्ये यात्रा दोग्रहगोचरे |
      जन्मराशे प्रधानत्वं नाम राशि न चिन्तये ||
--भाव -विवाह के समय ,सभी मंगल कार्य के समय तथा ग्रहों की स्थिति{राशि फल } देखने के समय जन्म राशि से विचार करना चाहिए न कि--अपने प्रचलित नामराशि का ||
----देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायाम व्यवहारके |
     नाम राशेह प्रधानत्वं जन्म राशि न चिन्तये ||
----भाव --किसी देश में निवास करना हो ,किसी शहर में रहना हो ,मकान बनाना हो,नौकरी करनी हो या फिर तत्काल के कोई भी कार्य हो -तो प्रचलित नाम की राशि का  उपयोग करना चाहिए न कि जन्मराशि का |
----विवाहं घट्नम चैव लग्नजम ग्रह्जम बलम |
     नामभाद विचिंत्येव सर्वजन्म न ज्ञायते ||
--भाव -अगर जन्मराशि की जानकारी न हो तो -तत्काल के लग्न के अनुसार कार्य करना चाहिए और वो भी ज्ञात न हो तो -अपनी प्रचलित नाम राशि के अनुसार कार्य करने चाहिए ||
--घात तिथिर घतवारह घात नक्षत्र मेव च |
  यात्रायाम वर्जयत प्राग्य्त्व न्य्कर्म्सू  शोभनम ||
--नोट ध्यान दें -यात्रा के समय घाततिथि,घातवार,एवं घातनक्षत्र में यात्रा न करें ||
  भवदीय निवेदक -पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री {मेरठ उतर प्रदेश }
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