भवदीय निवेदक "ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ उत्तर प्रदेश }

"झा शास्त्री "मेरठ {उत्तर प्रदेश }

रविवार, 19 अगस्त 2012

"वृष एवं तुला लग्न की कुंडली में "कालसर्प दोष "हो तो ?"

--वृष एवं तुला लग्न की कुंडली में "कालसर्प दोष " बनने पर वृष एवं तुला लग्न के जातक को हर समय ऐसा महसूस होता रहता है कि उनके हाथ जो रोजगार है वह न जाने कब हाथ से निकल जायेगा ।यह विचार भी मन को भय ग्रस्त बनाये रखता है कि धीरे -धीरे चलती हुई उनकी नाव न जाने कब रुक जाएगी ?ऐसे जातक यह भरोसा नहीं कर पाते कि वे सफलता के कागार तक आ पहुँचे हैं ,केवल चार कदम और आगे बढ़ना है ।भरोसे मंद इन भावनाओं के विपरीत परिणाम प्राप्त होने का भय मन में बैठ जाता है ,सफलता के निकट पहुँचते ही इनके मन में इस कदर तीव्र अशांति और बेचैनी उत्पन्न हो जाती है कि घबराहट में वे उसी स्थान पर लौट आते हैं ----जहाँ से  चले थे ।।
     नोट -अगर आपकी जन्म कुंडली में वृष या तुला लग्न है साथ ही "कालसर्प योग "भी है तो निदान भले ही शास्त्र सम्मत नहीं करा पायें किन्तु मन को स्थिर तो रख ही सकते हैं ।।
भवदीय पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री " ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री"{मेरठ- उत्तर प्रदेश }
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