भवदीय निवेदक "ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ उत्तर प्रदेश }

"झा शास्त्री "मेरठ {उत्तर प्रदेश }

शुक्रवार, 17 सितंबर 2010

" अनुभव अपना -अपना "

        
ज्योतिष गणित में ,महर्षियों ने जिन स्वरूप का प्रतिपादन किया था ,और आज जो स्वरुप है ,उसमें कितना अंतर है ,आइये प्रकाश हम डालते हैं | प्रायः दिन और रात का मान २४ घंटे का होता है,और जन्मकुंडली  के  घर  १२ होते हैं .एवं १ घर का मान २ घंटे का होता है | आज जिस तकनीकि से हम कुंडली बनाते हैं .प्रायः २ घंटे तक ,अर्थात एक लग्न का मान जितने समय का होगा  ,उतनी देर में जितने भी जातक जन्म लेंगें संभवतः सभी का लग्न ,सभी के फलित एक जैसे  ही होंगें | इस हिसाब से यह ज्योतिष गलत हो जाएगी |
[१]-किन्तु महर्षियों ने जो विधि बनायीं है उसके अनुसार यदि  किसी भी जातक का जन्ममें पल का भी अंतर है तो गणना एवं फलित अंतर आ जाता है .एवं आपकी धटित होने वाली धटना सही प्रतीत होगी |
भाव -समयाभाव के कारण हमलोग आधुनिक तकनीकी का सहारा तो ले लेते हैं ,जो हमारी विस्वसनीयता को ठेस पहुँचाती है | अतः हमें जो विरासत में  सामग्रियां मिली हैं हमें उनका ही सहारा लेना चाहिए ,जिससे 
हमारी मान परतिष्ठा बनी रहेगी | > आगे कल <

1 टिप्पणी:

ज्योतिष सेवा सदन { पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री "}{मेरठ } ने कहा…

ज्योतिष गणित में ,महर्षियों ने जिन स्वरूप का प्रतिपादन किया था ,और आज जो स्वरुप है ,उसमें कितना अंतर है ,आइये प्रकाश हम डालते हैं | प्रायः दिन और रात का मान २४ घंटे का होता है,और जन्मकुंडली के घर १२ होते हैं .एवं १ घर का मान २ घंटे का होता है | आज जिस तकनीकि से हम कुंडली बनाते हैं .प्रायः २ घंटे तक ,अर्थात एक लग्न का मान जितने समय का होगा ,उतनी देर में जितने भी जातक जन्म लेंगें संभवतः सभी का लग्न ,सभी के फलित एक जैसे ही होंगें | इस हिसाब से यह ज्योतिष गलत हो जाएगी |
[१]-किन्तु महर्षियों ने जो विधि बनायीं है उसके अनुसार यदि किसी भी जातक का जन्ममें पल का भी अंतर है तो गणना एवं फलित अंतर आ जाता है .एवं आपकी धटित होने वाली धटना सही प्रतीत होगी |
भाव -समयाभाव के कारण हमलोग आधुनिक तकनीकी का सहारा तो ले लेते हैं ,जो हमारी विस्वसनीयता को ठेस पहुँचाती है | अतः हमें जो विरासत में सामग्रियां मिली हैं हमें उनका ही सहारा लेना चाहिए ,जिससे
हमारी मान परतिष्ठा बनी रहेगी | > आगे कल <