भवदीय निवेदक "ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ उत्तर प्रदेश }

"झा शास्त्री "मेरठ {उत्तर प्रदेश }

बुधवार, 2 फ़रवरी 2011

"मंगली दोष युक्त विवाह उत्तम नहीं होता है !"

      "मंगली दोष युक्त विवाह उत्तम नहीं होता है !"
यद्यपि  मंगली दोष के जातक एवं जातिका हों ,तो मंगली दोष स्वतः ही समाप्त हो जाता है| यदि एक मंगली दोष से युक्त हो और दूसरा मंगली दोष विहीन हो तो दोष लगता है | मंगली दोष का शाब्दिक अर्थ है -दो से अत्यधिक  शरीर का मिलन [आज के युग में ये बात खड़ी नहीं उतरती है]क्योंकि जब हमारा रहन सहन आधुनिक है तो व्यवहार भी आधुनिक भी होगा !-फिर भी जब हम शास्त्र सम्बंधित बातें करते हैं -तो बतायेंगें जरुर | मंगली दोष युक्त होने पर विवाह देर से होता है और दाम्पत्य जीवन में हमें बहुत ही कठिनाइयों से गुजरना पड़ता है | [१]-कुंडली के द्वादश भाव होते हैं इनमें ,१,४,७,८,१२ इन भावों में यदि मंगल ग्रह विराजमान हो तो मंगली दोष होता है,किन्तु -यदि १,४,७,८,१२ इन भावों में शनि ग्रह विराजमान हो तो स्वतः ही दोष समाप्त हो जाता है | कभी -कभी प्रश्न उठता है -यदि कुंडली के १२ भाव होते हैं -इन्हीं भावों से संसार की गणना होती है -तो क्या ५ भावों का अर्थ है ४५ प्रतिशत लोगों  के दाम्पत्य सुख कठिनाइयों से भरे होंगें !-शास्त्रकारों का मानना है -कि सच तो यही है ,या तो इस योग से पीड़ित लोग ,दाम्पत्य जीवनको झेलते हैं ,या अपने भाग्य के अनुसार स्वीकार कर लेते हैं || मेरे विचार से -आत्मा से जो लोग प्रेम करते हैं उनके लिये रंग रूप से अत्यधिक व्यवहार कुशलता को सही मानते हैं उनकी गिनती ५५ प्रतिशत होती है और जो रंग रूप को दाम्पत्य जीवन में सही मानते हैं उनकी संख्या ४५ पर्तिशत होती है [ये धर्म संबधित बाते हैं ,पुराकाल की] 
 भाव -हमारी संस्कृति और संस्कार तभी सार्थक होंगें जब दाम्पत्य सुख उत्तम होगा ,तभी हमारी संताने इस संस्कृति और संस्कार से जुडेंगें ||
 भवदीय निवेदक "झा शास्त्री "मेरठ [उ प ]
निःशुल्क ज्योतिष सेवा रात्रि ८ से ९ आपकी सेवा में तत्पर रहती है ||        

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