भवदीय निवेदक "ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ उत्तर प्रदेश }

"झा शास्त्री "मेरठ {उत्तर प्रदेश }

शनिवार, 5 फ़रवरी 2011

"काल सर्प दोष को समझें !चिंतित न हों ?"

        "काल सर्प दोष को समझें !चिंतित न हों ?"
विधाता की रचित प्रकृति में अदभुत पहेली है ,जिसको समझना इतना आसन नहीं है ,फिर भी संसार में जितने भी जीव हैं उसमे मानव को इतनी समझ तो है ही कि,अपनी राह को सरल तो बना ही सकता है |-आइये जानने कि कोशिश करते हैं -कि "कालसर्प" दोष आखिर है क्या और हमारे जीवन में कौन सी उलझनें उत्पन्न करता है ?- जन्म "कुंडली" में  द्वादश भाव होते हैं ,और नवग्रह होते हैं -सभी ग्रह [राहू और केतु को छोरकर ] सामने से भ्रमण करते हैं किन्तु राहू केतु वाम भाग [पीछे ] से भ्रमण करते हैं ,-सभी ग्रहों का चलने की गति होती है-सूर्य -एक मास-रहते हैं १-राशि में ,चंद्रमा -ढाई दिन रहते हैं १-राशि में ,मंगल २ मास के करीब  रहते हैं १-राशि में ,बुध और शुक्र भी डेड मॉस के करीब रहते हैं १-राशि में ,गुरु -१ -वर्ष रहते हैं १- राशि में ,राहू और केतु -डेड साल करीब रहते हैं १ राशि में ,शनि -ढाई साल रहते हैं -एक राशि में ?-इसका मतलब हुआ कि जब राहू और केतु वाम भाग से चलते हैं और डेड साल रहते हैं एक राशि में तो डेड साल तक कुछ राशि वालों के लिये पीड़ा कारक रहेंगें | तो निश्चित है अमुक राशि के जितने भी लोग होंगें तो - क्या सभी काल सर्प योगी और दुखी होंगें -शास्त्रकारों का अनंत मत और अनन्त ग्रन्थ हैं -किन्तु हमारा मानना है -ये दोष से युक्त तो जरुर होंगें जातक ,परन्तु -इन दोषों निदान और नाम अलग -अलग होगें ||
[१]-जब कालसर्प दोष से युक्त जातक होता है -तो सर्व प्रथम सभी कार्यों में दिक्कत आती है ,मन अनुकूल नहीं होता है ,ये राहू -केतु ,जिन भावों में होंगें तकलीफ भी उसीप्रकार की प्रदान करेंगें || 
[२] -यदि पूर्वजों की अकाल म्रित्यु हुई हो तो ये दोष वंशावली हो जाता है-अर्थात उस परिवार के जितने भी सदस्य होंगें सभी इस दोष से युक्त होते जायेंगें ||
[३]-कभी -कभी इस दोष से युक्त जातक का स्थान निरंतर परिवर्तनशील होता रहता है ||
भाव -इस दोष का निदान अनिवार्य होता है परन्तु चिंतनीय नहीं होता है -जब हम विमार होते हैं-तो ओषधीय का सेवन करके सही हो जाते हैं -ठीक इसी प्रकार से ये कष्ट का लक्षण होता है ,जिसको उपचार और उपाय से सही किया जा सकता है ||[भाग २ काल प्रसारिक करेंगें ]    
भवदीय निवेदक "झा शास्त्री " मेरठ [उ प ]
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