भवदीय निवेदक "ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ उत्तर प्रदेश }

"झा शास्त्री "मेरठ {उत्तर प्रदेश }

मंगलवार, 29 मार्च 2011

"राशि [मेष ]-स्वभाव और आपके ऊपर प्रभाव ?"

            "राशि [मेष ]-स्वभाव और आपके ऊपर प्रभाव ?"
मित्रप्रवर -नमस्कार [राम -राम ] |
  आपकी राशि - के अनुसार ही आपका स्वभाव विचार साथ ही प्रभाव भी होगा |आप अपनी राशि के अनुसार अपना विचार करें और हो सके तो यथावत प्रभाव के क्षेत्र में कदम भी बढ़ाएं||
       यह राशि [मेष ]-मानव शारीर के शीश पर निवास करती है | अद्भुत साहस ,शौर्ज और बल का प्रतीक बनकर बलिदान एवं ओज की सृष्टि करके जातक को निर्भीकता साथ ही दृढ़ता की और ले जाती है |
    इसका रक्त वर्ण है |तरुण अवस्था है ,यह पूर्व दिशा का में निवास करती है | इसके मधुर स्पर्शन से धातु एवं अन्न का सृजन होता है | यह अग्नि तत्व के लिए विख्यात  है |यह रात्रि में बली रहती है | इसकी जाति क्षत्रिय है| गुण रजो गुण है |विषम होने के कारन यह स्वभाव से क्रूर ,चपल और अटूट है ||
       विषुवत रेखा सन्निकट उत्तर में १२ ० पर स्थित होने के कारन इसके प्रभाव में आने वाला मानव तेजपुंज और बलिष्ठ होता है| वह आतंकित और भयावह वातावरण से भयभीत नहीं होता | मनोबल बटोरकर अह समाज का प्रतिनिधित्व करता है ||
       भरणी और कृतिका नक्षत्र के आधारभूत यह राशि मस्तिक में प्रभुसत्ता की भावना प्रादुर्भूत करती है और उच्च  गति की ओर जाने का सतत प्रयत्न करती है| यह राशि नव वर्ष की प्रेरक शक्ति  को सृष्टि करके अपने कृतित्व और व्यक्तित्व को गतिवान बनती है |इसका अनुगामी उच्चपद और शाशन का आकांक्षी और क्रांतकारी अग्रदूत होता है ||
   निराश पराभव और अभावों से उठकर मध्यं के सूर्य के सामान अंगड़ाई लेता है और विश्व का अभिनन्दन पुरुष बनकर अंगारों से खेलता है| संधर्षों से पल्लवित होता है | इसका अनुयायी अड़ियल और दुराग्रही होता है ||
     भाव -मेष राशि के जिंतने भी जातक होंगें इस राशि का स्वभाव एवं पराभव से अवश्य ही युक्त होंगें -चाहे आपकी कुंडली की आपको जानकारी हो या न हो ?||
   भवदीय निवेदक "झा शास्त्री "
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