भवदीय निवेदक "ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ उत्तर प्रदेश }

"झा शास्त्री "मेरठ {उत्तर प्रदेश }

बुधवार, 15 अगस्त 2012

" रवि योग एवं सिद्धि योग करें - दैनिक प्रयोग?"

ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री"{मेरठ- उत्तर प्रदेश }
"  रवि योग एवं सिद्धि योग करें - दैनिक प्रयोग?"
{1}-रवि योग- शास्त्रों  में कथन  है कि  जिस तरह हिमालय का हिम सूर्य के उगने पर गल जाता है और सैकड़ों हाथियों के समूहों को अकेला सिंह भगा देता है उसी तरह से "रवियोग "भी सभी  अशुभ योगों को भगा देता है ,अर्थात "रवियोग "में सभी  कार्य निर्विघन रूप से  पूर्ण होते हैं । 
{2}---सिद्धि योग -भी सर्वार्थ सिद्धि आदि और रवियोग की भांति ही  महत्वशाली है ।उपरोक्त योगों में किए जाने  वाले सभी कार्य  योग में भी किये जा सकते हैं ।शास्त्रों का कहना है -कि "सिद्धि योग" में यमघंट,विष आदि कुयोगों का प्रभाव समाप्त हो जाता है ।।
ज्योतिष जानकारी हेतु संपर्क सूत्र -{09897701636,,09358885616  }

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