------"सोमस्य पंचवारास्यु यत्र मासे भवन्ति हि ।
धन धान्य समृद्धि स्यात सुखं भवन्ति सर्वदा ।।
---भाव --मास में पांच सोमवार शुभ हैं ।देश -विदेशों में सौख्य समृद्धि बढ़ेगी ।खेती में पैदावार अच्छी होगी ।सरकार छोटे -छोटे कारखाने उद्योग -धंधों को राहत देने पर विचार करेगी ।-राहु +मंगल का अंगारक योग कुछ गड़बड़ी करेगा ।
----------"राहु रंगार कश्चैव राशि ऋच्छ गतो तथा ।
महा भयं च सस्यानाम न च वृष्टि प्रजायते ।।
--अर्थात ---जहाँ -तहाँ अवर्षणवसात क्षति हो सकती है ।सूर्य के आगे शनि राजनीति में उठापटक करायेगा ।चोर ,उचक्के ,लफंगें घोटालेबाजों की चांदी कटेगी ।सरकारी तंत्र की विफलता बढ़ेगी ।
--------तेजी मंदी विचार ---------तुला का बुध अनाजों के साथ -साथ गुड ,चीनी ,घी ,तेल ,मूंगफली ,उन ,ऊनी वस्त्र ,वारदाना आदि में तेजी करेगा ।---पक्ष के आरम्भ में बने भाव अंत में पलट सकते हैं ।
-----आकाश लक्षण -----पश्चिमास्त शनि के प्रभाव से जहाँ -तहाँ हल्की वर्षा का संयोग बनेगा ।बदलते मौसम में अनेक प्रकार के रोगों का प्रादुर्भाव होगा ।यान -खान कुघतना चक्र संभव है ।अन्तरिक्ष में अजीब करिश्मा हो सकता है ।
---------नोट --सोमवती अमावस -पितृपक्ष में सर्वाधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है ।गया आदि तीर्थ में स्नान दानादि के करने वाले दोगुने पुन्य के भागीदार बनते हैं ।पितरों की मोक्ष सहज हो जाती है ।
----यथा ---वनस्पति गते सोमे या छाया प्रांग मुखी भवेत् ।
गज्छाया तु सा प्रोक्ता तस्यां श्राद्धं प्रकल्पयेत ।।
भवदीय -पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "{मेरठ -उत्तर प्रदेश }
संपर्क सूत्र --9897701636---9358885616
धन धान्य समृद्धि स्यात सुखं भवन्ति सर्वदा ।।
---भाव --मास में पांच सोमवार शुभ हैं ।देश -विदेशों में सौख्य समृद्धि बढ़ेगी ।खेती में पैदावार अच्छी होगी ।सरकार छोटे -छोटे कारखाने उद्योग -धंधों को राहत देने पर विचार करेगी ।-राहु +मंगल का अंगारक योग कुछ गड़बड़ी करेगा ।
----------"राहु रंगार कश्चैव राशि ऋच्छ गतो तथा ।
महा भयं च सस्यानाम न च वृष्टि प्रजायते ।।
--अर्थात ---जहाँ -तहाँ अवर्षणवसात क्षति हो सकती है ।सूर्य के आगे शनि राजनीति में उठापटक करायेगा ।चोर ,उचक्के ,लफंगें घोटालेबाजों की चांदी कटेगी ।सरकारी तंत्र की विफलता बढ़ेगी ।
--------तेजी मंदी विचार ---------तुला का बुध अनाजों के साथ -साथ गुड ,चीनी ,घी ,तेल ,मूंगफली ,उन ,ऊनी वस्त्र ,वारदाना आदि में तेजी करेगा ।---पक्ष के आरम्भ में बने भाव अंत में पलट सकते हैं ।
-----आकाश लक्षण -----पश्चिमास्त शनि के प्रभाव से जहाँ -तहाँ हल्की वर्षा का संयोग बनेगा ।बदलते मौसम में अनेक प्रकार के रोगों का प्रादुर्भाव होगा ।यान -खान कुघतना चक्र संभव है ।अन्तरिक्ष में अजीब करिश्मा हो सकता है ।
---------नोट --सोमवती अमावस -पितृपक्ष में सर्वाधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है ।गया आदि तीर्थ में स्नान दानादि के करने वाले दोगुने पुन्य के भागीदार बनते हैं ।पितरों की मोक्ष सहज हो जाती है ।
----यथा ---वनस्पति गते सोमे या छाया प्रांग मुखी भवेत् ।
गज्छाया तु सा प्रोक्ता तस्यां श्राद्धं प्रकल्पयेत ।।
भवदीय -पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "{मेरठ -उत्तर प्रदेश }
संपर्क सूत्र --9897701636---9358885616
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