भवदीय निवेदक "ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ उत्तर प्रदेश }

"झा शास्त्री "मेरठ {उत्तर प्रदेश }

गुरुवार, 23 सितंबर 2010

""अनुभव और निदान , ज्योतिष एवं कर्मकांड "

                     ""अनुभव और निदान , ज्योतिष एवं कर्मकांड "
"ज्योतिष" अर्थात नेत्र  हम्रारे नेत्र की क्षमता जितनी उत्तम होगी ,हम उतनी दूर तक देख पायेंगें | आइये आज कुंडली के चतुर्थ भाव को समझने  का प्रयास करते हैं| जन्म कुंडली के चतुर्थ भाव से हम -संपत्ति , वाहन ,माता , भवन का विचार करते हैं ,यह भाव जितने भी उत्तम ग्रहों से युक्त होगा ,प्रायः हमें उतना ही सुख प्रदान करेगा
[१]- मेष, सिह ,वृश्चिक ,राशी यदि हो और साथ ही सूर्य चन्द्र ,एवं मंगल भी इस भाव में विराजमान हो ,तो जातक सभी प्रकार की सम्पत्त्यों से युक्त तो होता है ,.किन्तु संघर्ष बहुत ही करना पड़ता है |
[२]--कर्क ,मिथुन ,कन्या ,वृष ,तुला  की राशी होने पर ,साथ ही बुद्ध ,शुक्र ,चन्द्र भी विराजमान हो तो जातक सभी वस्तुओं से निपुण और शांति से जीवन व्यतीत करता है |
[३]-धनु एवं मीन राशी हो,  साथ ही गुरु  भी चतुर्थ भाव में हो तो जातक को इन सभी प्रकार के सुखों से बहुत ही संधर्ष करना पड़ता है |
भाव > कुछ और भी जानकारी हमें  इन  भावो  से मिलती है, जानते हैं कल <
               निवेदक -झा शास्त्री मेरठ |

1 टिप्पणी:

ज्योतिष सेवा सदन { पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री "}{मेरठ } ने कहा…

""अनुभव और निदान , ज्योतिष एवं कर्मकांड "

"ज्योतिष" अर्थात नेत्र हम्रारे नेत्र की क्षमता जितनी उत्तम होगी ,हम उतनी दूर तक देख पायेंगें | आइये आज कुंडली के चतुर्थ भाव को समझने का प्रयास करते हैं| जन्म कुंडली के चतुर्थ भाव से हम -संपत्ति , वाहन ,माता , भवन का विचार करते हैं ,यह भाव जितने भी उत्तम ग्रहों से युक्त होगा ,प्रायः हमें उतना ही सुख प्रदान करेगा

[१]- मेष, सिह ,वृश्चिक ,राशी यदि हो और साथ ही सूर्य चन्द्र ,एवं मंगल भी इस भाव में विराजमान हो ,तो जातक सभी प्रकार की सम्पत्त्यों से युक्त तो होता है ,.किन्तु संघर्ष बहुत ही करना पड़ता है |

[२]--कर्क ,मिथुन ,कन्या ,वृष ,तुला की राशी होने पर ,साथ ही बुद्ध ,शुक्र ,चन्द्र भी विराजमान हो तो जातक सभी वस्तुओं से निपुण और शांति से जीवन व्यतीत करता है |

[३]-धनु एवं मीन राशी हो, साथ ही गुरु भी चतुर्थ भाव में हो तो जातक को इन सभी प्रकार के सुखों से बहुत ही संधर्ष करना पड़ता है |

भाव > कुछ और भी जानकारी हमें इन भावो से मिलती है, जानते हैं कल <

निवेदक -झा शास्त्री मेर