भवदीय निवेदक "ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ उत्तर प्रदेश }

"झा शास्त्री "मेरठ {उत्तर प्रदेश }

मंगलवार, 8 फ़रवरी 2011

"आज का दिन "माँ शारदे को समर्पित करें !"

     "आज का दिन "माँ शारदे को समर्पित करें !" 
     वीणा पुस्तक रंजित हस्ते ,भगवती भारती देवी नमस्ते ||
प्रिय मित्रप्रवर, आज हम जिस तकनीकी के सहारे हमलोग आगे बढ़ रहे हैं,एक दूसरों से जुड़ रहे हैं ,विलासित संबधी आवश्यकता की पूर्ति कर रहे हैं ,ये सब "माँ शारदे " की ही देन है || हमलोग जिस विद्या और बुध्ही के बल पर आगे बढ़ रहे हैं ,जिनकी कृपा से जगत में विख्यात हो रहे हैं उनके लिये आज का दिन समर्पित ,तन मन और धन से करना चाहिए  ||
संसार की सभी वस्तुओं का हिस्सा हो सकता है, किन्तु विद्या रूपी संपत्ति का हिस्सा ,आपकी संतान भी नहीं कर सकती है ,आप इस विद्या को जितना बाटेंगें उतनी ही बढती जाएगी ||
-या देवी सर्व भूतेषु विद्या रूपेण संस्थिता,नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||
आज के जिन हमें सभी ग्रंथों को माँ शारदे को समर्पित करना चाहिये ,साथ ही निवेदन करना चाहिए ,स्तुति करनी चाहिए,जाप करने चाहिए ,पाठ करने चाहिए,और सबसे बड़ी बात यह है की हमें सत्य बोलना चाहिये,इससे सदा माँ शारदे की कृपा बनी रहती है ||
आज हम भी न पढेंगें और न पदायेंगें  ,वसंत ऋतू का आनन्द पीत वस्त्र,जप ,तप, नियम, वर्त,स्वध्याय के साथ -साथ माँ सरस्वती की उपासना करेंगें आप मित्र बन्धुगण भी करें ?||
भवदीय -सहपाठी मित्र -"झा शास्त्री "[मेरठ उ ० प ० ]
आज और कल ज्योतिष की सेवा नहीं मिलेगी ||   

कोई टिप्पणी नहीं: