भवदीय निवेदक "ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ उत्तर प्रदेश }

"झा शास्त्री "मेरठ {उत्तर प्रदेश }

मंगलवार, 4 सितंबर 2012

"तक्षक "नामक कालसर्पयोग के स्वभाव और प्रभाव ?

          "तक्षक "नामक कालसर्पयोग के स्वभाव और प्रभाव ?
-----"तक्षक "नामक कालसर्पयोग जन्मकुंडली में तब बनता है --जब सातवें घर में "राहु "एवं लग्न {पहला घर }"केतु "हो ,साथ ही उन दोनों के बीच सातों ग्रह स्थित हों । "तक्षक "नामक कालसर्पयोग में जन्म लेने वाले लोग -धन एवं स्वाभिमान के सवालों पर संघर्षशील रहते हैं ।----इस योग में जन्म लेने वाले लोगों में -- ज्योतिषी ,पत्रकार ,लेखक या राजनीतिग्य आदि बनने की विशेष क्षमता होती है ।--किन्तु उन्हें कहीं भी सबकुछ होते हुए मंजिल अधूरी रहती है ऐसा लगता रहता है ।त्याग भावना इतनी प्रबल होती है कि -पलक झपकते ही सबकुछ त्यागकर कहीं भी पलायित हो सकते हैं ।स्त्री पक्ष से इनका लगाव खूब होता हैं किन्तु मूड बिगड़ जाने पर स्त्री से भी बगावत कर बैठते है ।।
      -----प्रस्तुत "तक्षक नामक कालसर्पयोग हमें --पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ,पूर्व मुख्यमंत्री श्री कल्याण सिंह जी ,भुतपूर्व-प्रधानमंत्री -श्री शास्त्री जी इत्यादि इस योग के कारण --किसी भी पद का परित्याग या ये कहें कि आशक्ति से पड़ें रहे ?
---प्रेषकः पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री --मेरठ-{उत्तर प्रदेश }

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