"कर्कोटक "नामक कालसर्पयोग का स्वभाव एवं प्रभाव ?
-----"कर्कोटक "- नामक कालसर्पयोग जन्मकुंडली में तब बनता है -जब "राहु "आठवें घर एवं "केतु "दूसरे घर में हो ,साथ ही सूर्य के साथ -साथ सातों ग्रह उन दोनों के बीच स्थित हों ।"कर्कोटक "नामक कालसर्पयोग में जन्म लेने वाले लोगों की आर्थिक {धन }की स्थिति गड़बड़ रहती है ।इनके जीवन में रहस्यमय ,रोमांचक एवं आश्चर्य जनक घटनाएँ घटित होती रहती है ।जो कुछ भी होता है वह अनायास ही होता है ।चाहे शुभ हो या अशुभ ।इस योग में जन्म लेने वाले लोग अपनी बात पर अटल {अडिग }रहते हैं ।जो वचन दे देते हैं उसे मरते दम तक पूरा जरुर करते हैं ।जिस किसी से अनायास मधुर सम्बन्ध बनता है वह सम्बन्ध टिकाऊ {स्थिर }नहीं होता है ।रोजी -रोटी का अच्छा साधन मिलने पर भी मन प्रसन्न {खुश }नहीं रहता है ।।
नोट -----जो कालसर्पयोग को नहीं मानते हैं ---वो सभी लोग अपनी -अपनी जन्मकुंडली का खुद आकलन करें अपने -अपने कालसर्पयोग के अनुसार देखें -उम्मीद करता हूँ --यह फलादेश सटीक मिलेगा ।-----योगों की महिमा बहुत ही निराली होती है -जिस प्रकार से शुभ योग में शुभ मंगल कार्य सभी करने कोशिश करते हैं -इसी प्रकार से शुभ योग के प्रभाव से सुन्दर पद या अभिलाषा की प्राप्ति होती है ----ठीक इसी प्रकार अशुभ योग के कारण ,सर्वगुण संपन्न होते हुए भी गारिम नहीं मिलती हैं ।कालसर्पयोग भी कई प्रकार के होते हैं ,हम क्रम से लिखने की कोशिश करते रहते हैं ----जो लोग कालसर्पदोष से चिंतित रहते हैं --वो इसे दोष कम ,योग अत्यधिक समझें ।।
प्रेषकः पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री {मेरठ -भारत }
ज्योतिष सेवा सदस्यों हेतु ---हेल्प लाइन --9897701636--9358885616------!!
-----"कर्कोटक "- नामक कालसर्पयोग जन्मकुंडली में तब बनता है -जब "राहु "आठवें घर एवं "केतु "दूसरे घर में हो ,साथ ही सूर्य के साथ -साथ सातों ग्रह उन दोनों के बीच स्थित हों ।"कर्कोटक "नामक कालसर्पयोग में जन्म लेने वाले लोगों की आर्थिक {धन }की स्थिति गड़बड़ रहती है ।इनके जीवन में रहस्यमय ,रोमांचक एवं आश्चर्य जनक घटनाएँ घटित होती रहती है ।जो कुछ भी होता है वह अनायास ही होता है ।चाहे शुभ हो या अशुभ ।इस योग में जन्म लेने वाले लोग अपनी बात पर अटल {अडिग }रहते हैं ।जो वचन दे देते हैं उसे मरते दम तक पूरा जरुर करते हैं ।जिस किसी से अनायास मधुर सम्बन्ध बनता है वह सम्बन्ध टिकाऊ {स्थिर }नहीं होता है ।रोजी -रोटी का अच्छा साधन मिलने पर भी मन प्रसन्न {खुश }नहीं रहता है ।।
नोट -----जो कालसर्पयोग को नहीं मानते हैं ---वो सभी लोग अपनी -अपनी जन्मकुंडली का खुद आकलन करें अपने -अपने कालसर्पयोग के अनुसार देखें -उम्मीद करता हूँ --यह फलादेश सटीक मिलेगा ।-----योगों की महिमा बहुत ही निराली होती है -जिस प्रकार से शुभ योग में शुभ मंगल कार्य सभी करने कोशिश करते हैं -इसी प्रकार से शुभ योग के प्रभाव से सुन्दर पद या अभिलाषा की प्राप्ति होती है ----ठीक इसी प्रकार अशुभ योग के कारण ,सर्वगुण संपन्न होते हुए भी गारिम नहीं मिलती हैं ।कालसर्पयोग भी कई प्रकार के होते हैं ,हम क्रम से लिखने की कोशिश करते रहते हैं ----जो लोग कालसर्पदोष से चिंतित रहते हैं --वो इसे दोष कम ,योग अत्यधिक समझें ।।
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